नई दिल्ली: वेदांता समूह और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की दिग्गज फॉक्सकॉन ने सेमी कंडक्टर और डिस्प्ले एफएबी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट महाराष्ट्र की जगह गुजरात में लगाए जाने की घोषणा पर सियासत गरमा गई है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष एकजुट होकर एकनाथ शिंदे-फडणवीस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार पर साजिश करने का आरोप लगाया है तो पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर इस सेमी कंडक्टर प्लांट को महाराष्ट्र से गुजरात शिफ्ट किया गया है. यह सेमी कंडक्टर प्लांट 1.54 लाख करोड़ रुपए की लागत का है, जिससे एक लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. ऐसे में प्लांट को महाराष्ट्र के बजाय गुजरात में लगाए जाने से विपक्ष ने शिंदे सरकार को घेर रही है.
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाते हुए शिंदे सरकार से पूछा कि किन कारणों से यह प्रस्तावित कारखाना महाराष्ट्र में नहीं लग सका. उन्होंने कहा कि उनके पिता उद्धव ठाकरे जब राज्य के मुख्यमंत्री तो यह प्रोजेक्ट राज्य में शुरू होने वाला था. आदित्य ने कहा कि वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल से उनकी दावोस में इस पर चर्चा हुई थी. वे हमारी सरकार के प्रस्ताव से संतुष्ट थे. वेदांता और फॉक्सकॉन के साथ हमारी सरकार ने करीब 100 से भी ज्यादा बैठकें की थीं, जिस पर डील फाइनल हो गई थी. इसके बावजूद शिंदे सरकार प्लांट को महाराष्ट्र में बचाए रखने में सफल नहीं हो सकी है.
आदित्य ठाकरे ने मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के मंत्री और विधायक पिस्तौल चलाकर गुंडागर्दी कर रहे हैं. अगर सरकार इस इंडस्ट्री को महाराष्ट्र में लाने के लिए वेदांता और फॉक्सकॉन कंपनी के संपर्क में रहती तो आज यह प्लांट महाराष्ट्र में बन रहा होता. आदित्य ठाकरे ने कहा कि वेदांता और फॉक्सकॉन के इस प्लांट से ना केवल महाराष्ट्र के लोगों को रोजगार मिलता बल्कि देश में भी महाराष्ट्र का नाम आगे होता. महाराष्ट्र में लगाने के लिए डील लगभग फाइनल हो गई थी, लेकिन नई सरकार के आते ही अचानक क्या बदल गया, यह सभी को अचंभित कर रहा है.
सेमी कंडक्टर प्लांट को महाराष्ट्र से गुजरात शिफ्ट करने पर एनसीपी नेता अजित पवार ने इसे महाराष्ट्र के साथ धोखा करार दिया है. अजित पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह दोनों नेता महाराष्ट्र में राजनीति करने के बजाए इस बात पर ध्यान देते तो आज सेमी कंडक्टर का यह प्लांट महाराष्ट्र में लग रहा होता. अजित पवार ने सीएम शिंदे को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करें कि प्लांट को महाराष्ट्र में स्थापित किया जाए. महाराष्ट्र में प्लांट लगने के लिए सब कुछ फाइनल था, लेकिन राजनीतिक दबाव में गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया था.
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सेमी कंडक्टर प्लांट के महाराष्ट्र से गुजरात शिफ्ट होने पर सरकार को घेरते हुए कहा है कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार अगर समय होते हुए जाग जाती तो महाराष्ट्र को इस तरह से बेइज्जत नहीं होना पड़ता. पटोले ने कहा कि 1.54 लाख करोड़ का यह सेमी कंडक्टर प्लांट अगर महाराष्ट्र में बन रहा होता तो महाराष्ट्र के 2 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो जाते. पटोले ने उद्योग मंत्री उदय सामंत पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने 26 जुलाई को ट्वीट करके कहा था कि प्लांट महाराष्ट्र में लगेगा, लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि कंपनी ने प्लांट को महाराष्ट्र से गुजरात शिफ्ट करने का फैसला कर लिया.
शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के आक्रमक रुख अपना रखा है, जिससे बीजेपी बैकफुट पर खड़ी नजर आ रही. महाराष्ट्र बीजेपी नेता और प्रवक्ता अजित चव्हाण का कहना है कि प्लांट को महाराष्ट्र से गुजरात शिफ़्ट करने का फैसला वेदांता और फॉक्सकॉन कंपनी का निजी फैसला है. उनका कहना है कि इस प्लांट को लगाने के लिए वेदांता और फॉक्सकॉन कंपनी को गुजरात सरकार ने सब्सिडी के तौर पर 2800 करोड़ रुपये देने का फैसला किया था जबकि महाराष्ट्र की सरकार ने 3900 करोड़ की सब्सिडी देने की बात कही थी. इसके बावजूद कंपनी ने महाराष्ट्र की बजाए गुजरात में सेमीकंडक्टर का प्लांट लगाने का फैसला किया.
बता दें कि वेदांता फॉक्सकॉन कंपनी ज्वाइंट वेंचर के जरिए गुजरात के अहमदाबाद जिले में 1000 एकड़ की जगह में इस सेमी कंडक्टर प्लांट को लगाएगी. इसमें सेमी कंडक्टर असेंबलिंग और टेस्टिंग यूनिट प्रमुख है. इस ज्वाइंट वेंचर में वेदांता की हिस्सेदारी 60 फीसदी होगी जबकि 40 फीसदी हिस्सेदारी ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन की होगी. इसके लिए सरकार के साथ कंपनी ने अनुबंध किए हैं.
हालांकि, वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का कहना है कि हमारी कंपनी ने फिलहाल भले ही सेमी कंडक्टर प्लांट के लिए गुजरात को चुना हो, लेकिन अभी भी महाराष्ट्र की उम्मीदें जिंदा हैं. अग्रवाल का कहना है कि हम दूसरा सेमी कंडक्टर प्लांट लगाने की तैयारी में हैं, जिसमें महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश हमारी प्रमुख प्राथमिकता के तौर पर हैं. ऐसे में देखना है कि महाराष्ट्र में जिस तरह से विपक्ष आक्रमक रुख अपना रखा है, उससे शिंदे सरकार कैसे पार पाती है?