एसीबी कार्रवाई की भेंट चढ़ा सेल्फी प्वाइंट, ठेकेदार को प्रशासन ने नहीं किया पाबंद

Update: 2023-09-29 15:51 GMT
उदयपुर। उदयपुर प्रदेश की सबसे छोटी नगर पालिकाओं में शुमार कानोड़ नगर पालिका में कुछ माह पूर्व अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पर हुई एसीबी की कार्रवाई के बाद शहर में विकास कार्य थम गए हैं। जिस कारण से एसीबी की कार्रवाई हुई वह सेल्फी प्वाइंट भी इसी की भेंट चढ़ गया है। ठेकेदार की ओर से नगर पालिका में बैठे जिम्मेदार लोगों द्वारा पैसे मांगने की शिकायत पर एसीबी ने नगर पालिका अध्यक्ष चंदा मीणा को रंगे हाथों गिरफ्तार किया तो वहीं उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह बाबेल को भी पैसे मांगने की पुष्टि होने पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
दूसरी ओर सेल्फी प्वाइंट का निर्माण भी पूरा नहीं हुआ और तत्कालीन अधिकारियों ने ठेकेदार को भुगतान भी कर दिया। डर से कर्मचारियों ने भी बिना देरी किए इस भुगतान को निपटाया, लेकिन तब से आज तक इस सेल्फी प्वाइंट की दुर्दशा की ओर किसी ने नहीं देखा। न तो पालिका प्रशासन ने सुध ली और न ही प्रशासनिक अधिकारियों ने इसकी जांच की। यही नहीं घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार को सेल्फी प्वाइंट को पुन: बनाने के लिए भी पाबंद नहीं किया गया। जिस कारण कानोड़ नगर बिना सेल्फी प्वाइंट के रह गया। दूसरे शहरों में लगे सेल्फी प्वाइंट की तरह कानोड़वासी भी सेल्फी लेने का इंतजार करते रहे और हालात यह हुए कि घटिया कार्य की वजह से सेल्फी प्वाइंट का केवल ढांचा लगा है।
जिस जगह पर नगर पालिका ने सेल्फी प्वाइंट का निर्माण कराया, वह एकांत तालाब की जगह थी। बिना शहरवासियों की सहमति जोशीले तालाब पर ले जाकर लगाया, जो तालाब पहले से सीवरेज के पानी से लबालब है। जहां सेल्फी लेना तो ठीक पास खड़ा रहना भी मुश्किल है। वहां पालिका ने सेल्फी पॉइंट का निर्माण शुरू किया और लाखों का भुगतान गुपचुप उठा लिया गया। जबकि कई शहरों में जहां सेल्फी प्वाइंट लगाया गया है, वह शहर की रौनक बना है। उक्त सेल्फी प्वाइंट निर्माण के समय भी कार्य पर सवाल उठे थे, विपक्ष ने घटिया निर्माण के आरोप लगाए। नेता प्रतिपक्ष दीपक शर्मा ने तो शहर के युवाओं के साथ सेल्फी प्वाइंट स्थल पर जाकर नाक भींच कर सेल्फी ली और विरोध जताया, लेकिन किसी ने एक न सुनी और निर्माण करा दिया। सेल्फी प्वाइंट को लेकर नगर पालिका में कोई फाइल मौजूद नहीं है। एसीबी की कार्रवाई के बाद ठेकेदार को तत्कालीन अधिकारियों ने भुगतान भी कर दिया। बिना फाइल देखें ठेकेदार को नोटिस नहीं दिया जा सकता।
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