एयरपोर्ट पर पति-पत्नी का खुला राज, CISF के जवान रह गए हैरान

शक की शुरुआत उम्र और आवाज को लेकर हुई.

Update: 2024-07-02 11:52 GMT

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: विदेश जाने की चाहत में कुछ युवा कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हो जाते हैं. बिचौलियों तक को मोटी रकम दे देते हैं और साथ में खतरा उठाने के लिए भी तैयार हो जाते हैं. यानि 'डंकी रूट से जाने के लिए तैयार हो जाते हैं. बता दें कि डंकी रूट असल में वो होता है, जिसमें कोई व्यक्ति एक देश से दूसरे देश अवैध तरीके से जाता है.
दरअसल, दिल्ली एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ ने एक दंपत्ति को पकड़ा है, जो बुजुर्ग के गेटअप में जाली पासपोर्ट और दिल्ली से कनाडा जाने की टिकट लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गए. जब दोनों इमिग्रेशन विंडो पर पहुंचे, तो काउंटर पर बैठे शख्स को उन पर शक हुआ. शक की शुरुआत उम्र और आवाज को लेकर हुई.
क्योंकि पासपोर्ट में उम्र 67 साल थी और नाम रशविंदर लिखा था. सामने वाले को जब शक हुआ, तो उसने चलने और स्किन पर ध्यान दिया. कहीं से भी जब उसे यात्री की उम्र 67 साल की नहीं लगी तो उसने सीआईएसएफ से संपर्क किया. सीआईएसएफ ने पूछताछ की, तो पता चला कि न तो पासपोर्ट असली है, न चेहरा असली है और न नाम ही असली है.
सब कुछ जाली था. यात्री की उम्र 67 नहीं बल्कि 24 साल निकली. नाम रैशविंदर नहीं बल्कि गुरसेवक है. गुरसेवक ने पूछताछ में बताया कि कुछ दिन पहले उसकी मुलाकात जग्गी नाम के एक ट्रेवल एजेंट से हुई थी. वह अमेरिका जाना चाहता था और जग्गी ने उसे कहा कि उसे और उसकी पत्नी को 60 लाख रुपए में अमेरिका पहुंचा देगा.
गुरसेवक ने आगे बताया, प्लान था कि उसे दिल्ली से कनाडा तक फ्लाइट से जाना था और कनाडा के बाद अमेरिका जाने के लिए दोनों को डंकी रूट का इस्तेमाल करना था. बता दें, गुरसेवक अमेरिका जाने के लिए इतना उतावला था कि वह जग्गी की बात को मान गया और एडवांस के रूप में 30 लाख रुपए जग्गी को दे दिया. फिर जग्गी ने जाली पासपोर्ट तैयार किया. फिर जाली पासपोर्ट पर वीजा लगाया और जाली पासपोर्ट की उम्र के हिसाब से गुरसेवक और उसकी पत्नी का मेकअप किया गया.
पूरे मामले में एयरपोर्ट थाना पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की है. गुडसेवक और उसकी पत्नी को फेक पासपोर्ट और गलत तरीके से विदेश जाने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद पुलिस की टीम पीलीभीत पहुंची और वहां से एजेंट जगजीत उर्फ़ जग्गी को भी गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल, इस पूरे मामले की जांच जारी है और पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जगजीत ने इस तरीके से कितने लोगों को विदेश भेजा है.
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