देसी तकनीक से पानी की खोज

Update: 2024-05-15 09:53 GMT
जवाली। जहां साइंस हार जाती है, वहां इंसान की देसी तकनीक से काम चलता है। ऐसा ही कुछ जांगल पंचातवासियों ने साबित भी कर दिखाया है। विस क्षेत्र जवाली के अधीन जांगल पंचायत में पानी की काफी किल्लत है। तकनीकी आधार पर जांगल पंचायत को पानी की दृष्टि से ड्राई घोषित कर दी गई है। स्थानीय जनता द्वारा पानी की किल्लत से निजात पाने के लिए अपने स्तर पर हैंडपंप लगाने के भी प्रयास किए गए लेकिन हर बार असफलता ही हाथ लगती रही है। कोई भी प्रयास कामयाब नहीं हुआ लेकिन जनता ने हिम्मत नहीं हारी। लगातार कोशिश जारी रही और आखिरकार सफलता भी हासिल कर ली।

पानी की समस्या से लगातार जूझ रहे जांगल पंचायत के ग्रामीणों अमर कौशल, कैप्टन ठाकुर दास, किकर सिंह, साली राम, केवल धीमान इत्यादि ने हिम्मत न हारते हुए पानी की समस्या से निजात पाने के लिए एक देसी तकनीक द्वारा पानी का लेवल खोजते हुए ड्रिल मशीन लगाई और लगभग 250 फ़ीट गहराई पर पानी का स्रोत मिल गया। पानी का स्त्रोत मिलने उपरांत 400 फ़ीट गहराई तक ड्रिल किया गया और इलेक्ट्रिक मोटर लगाकर पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। इस हैंडपंप बोर में पर्याप्त मात्रा में पानी निकलने से जांगल पंचायत में खुशी की लहर दौड़ गई है। जांगल पंचायत में ग्रामीणों को पानी की किल्लत से निजात मिल सके और वर्तमान पानी के सफल बोर के एवज में कृषि विभाग से सब्सिडी प्राप्त करने के लिए धीमान बोरवेल कमेटी का गठन करते हुए पंजीकरण कराए जाने की कार्रवाई अमल में लाई जा रही है ताकि संबंधित विभाग से सब्सिडी प्राप्त की जा सके।
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