वैज्ञानिक का दावा: ज्यादा घातक नहीं होगी कोरोना की तीसरी लहर, पर आएगी जरूर

Update: 2021-09-13 14:07 GMT

कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की संभावना और केरल सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में बढ़ते मामलों के बीच एक राहत भरी खबर एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय काशी हिंदू के जंतु विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों की ओर से आ रही है.इसके मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर अभी कम-से-कम तीन महीनों बाद ही दस्तक देगी और तो और इस लहर को टीकाकरण अभियान रोकने में काफी मदद करेगा, क्योंकि टीका लगवा चुके और कोरोना से ठीक हुए लोग एक विशेष प्रोटेक्टिव ग्रुप में सुरक्षित रहेंगे. पहले और दूसरे लहर को देखते हुए तीसरे लहर में भी बच्चे सुरक्षित होंगे.

'ज्यादा घातक नहीं होगी तीसरी लहर'

कोरोना की पहली लहर से ही इस नई वायरस जनित बीमारी पर बारीकी से अध्ययन करने वाले BHU के जंतु विज्ञान के जीन वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने कोरोना की तीसरी लहर अभी तीन महीने तक दूर रहने की जानकारी देने के साथ ही यह खुशखबरी भी दी है कि यह उतनी घातक नहीं होगी. वह बताते हैं कि अभी केरल और नॉर्थ ईस्ट के कुछ स्टेट्स में ही केस बढ़ रहे हैं, लेकिन अभी सिर्फ यूपी में 10-20 केस ही इतने बड़े स्टेट के होने के बावजूद भी आ रहे हैं तो यह बड़ी बात है. केरल के लोगों में 40% ही सीरो पॉजिटिविटी डेवलप हुई थी. जबकि यूपी में 70 प्रतिशत लोगों में सीरो पॉजिटिविटी डेवलप हो चुकी थी.

केरल में एक महीने बाद केस कम आने लगेंगे और वह भी यूपी की तरह हो जाएगा. फिलहाल अभी तीसरी लहर नहीं आएगी. लेकिन जैसा कि हर तीन महीने में एंटीबॉडी का स्तर गिर जाता है. इस लिहाज से अगले तीन महीने में एंटीबॉडी का लेवल गिर जाएगा तो तीसरी लहर आ सकती है. लेकिन अभी चल रहा टीकाकरण अभियान अलग से कोरोना के खिलाफ लड़ने में मदद करेगा और हमारी इम्यूनिटी 70 प्रतिशत से ज्यादा रहने पर उस एरिया या ग्रुप में कोरोना का असर कम रहेगा और धीरे-धीरे कोरोना वायरस की फ्रीक्वेंसी घटने लगती है और यही हमको देखने को मिलेगा.

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