COVID-19 महामारी के कारण स्कूल टीचर ने खो दी नौकरी, कचरा संग्रहण वाहन को चलाने का काम उठाया
महामारी के कारण स्कूल बंद कर दिया गया था. यहां तक कि महामारी के मद्देनजर होम ट्यूशन भी प्रतिबंधित कर दिया गया था.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के कारण बहुत लोगों की नौकरी चली गई है. जिस वजह से कई लोग घर चलाने के लिए छोटे-मोटे व्यवसाय में काम कर रहे हैं. इसी बीच भुवनेश्वर में एक स्कूल टीचर जिसने COVID-19 महामारी के कारण अपनी नौकरी खो दी थी शहर के नगर निगम के कचरा संग्रह वाहन को चलाने का काम संभाल रही है. स्मृतिरेखा बेहरा नामक महिला भुवनेश्वर एक प्ले और नर्सरी स्कूल में पढ़ाती थीं. वह अपने पति, दो बेटियों और ससुराल वालों के साथ शहर के पथबंधा स्लम में रह रही थी. उसके परिवार में चीजें तब तक सही ढंग से चल रही थीं जब तक कि देश और दुनिया में COVID-19 महामारी नहीं आ गई.
महामारी के कारण स्कूल बंद कर दिया गया था. यहां तक कि महामारी के मद्देनजर होम ट्यूशन भी प्रतिबंधित कर दिया गया था. कोई विकल्प न होने पर, बेहरा ने भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) – 'मु सफाईवाला' के कचरा संग्रहण वाहन को चलाने का काम उठाया. वाहन नगरपालिका के ठोस कचरे को एकत्र करता है और उन्हें हर दिन सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक डंप यार्ड में पहुंचाता है.
'महामारी ने दिखाए जीवन के सबसे खराब दिन'
एएनआई से बात करते हुए, बेहरा ने कहा, "कोविड महामारी के कारण, स्कूल ने बंद की घोषणा की. जिस वजह से मुझे होम ट्यूशन भी बंद करना पड़ा. महामारी के बाद होम ट्यूशन ही मेरी कमाई का दूसरा स्रोत था. मैं असहाय हो गई क्योंकि कमाने का कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था. मेरे पति को भी भुवनेश्वर में अपनी निजी नौकरी से कोई वेतन नहीं मिल रहा था." उन्होंने कहा, "मेरी दो बेटियां हैं हम महामारी के दौरान उन्हें ठीक से खाना भी नहीं खिला पाए मैंने परिवार चलाने के लिए दूसरों से पैसे लिए, लेकिन ये ज्यादा दिन नहीं चल पाए. मैंने महामारी के दौरान अपने जीवन की सबसे खराब स्थिति देखी है."
"मैं वर्तमान में बीएमसी का कचरा वाहन चला रही हूं. मैं अपने परिवार को चलाने के लिए पिछले तीन महीनों से बीएमसी के साथ काम कर रही हूं. दूसरी लहर के दौरान घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करना काफी मुश्किल है. लेकिन, मुझे अपने परिवार के लिए आगे बढ़कर काम करना है. मैं एक सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने से कभी नहीं हिचकिचाती क्योंकि मैं अपने कर्तव्य का सम्मान करती हूं."