शशिकला फिर करेंगी राजनीति में वापसी, विधानसभा चुनावों से ठीक पहले ही की थी संन्यास की ऐलान

तमिलनाडु विधानसभा चुनावों से महज कुछ दिनों पहले ही राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान।

Update: 2021-05-30 10:57 GMT

तमिलनाडु विधानसभा चुनावों से महज कुछ दिनों पहले ही राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान करने वाली वीके शशिकला (VK Sasikala) अब दोबारा राजनीति में वापसी की तैयारी कर रही हैं. पार्टी के एक कार्यकर्ता के साथ एक ऑडियो बातचीत में उन्होंने कोरोना महामारी खत्म होने के बाद सक्रिय राजनीति में लौटने का संकेत दिया है. शशिकला का ये ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अपने पार्टी नेता से बात करते हुए राजनीति में अपनी वापसी का भरोसा दिलाया है.

वायरल ऑडियो में शशिकला फोन पर अपनी पार्टी के नेता से कह रही हैं, "चिंता मत करो, निश्चित रूप से पार्टी की चीजें ठीक हो जाएंगी, सब बहादुर बनो. एक बार ये कोरोना महामारी खत्म हो जाए, मैं वापस आ जाऊंगी." जवाब में पार्टी नेता कहते हैं, "हम आपके पीछे रहेंगे अम्मा." इस फोन कॉल को सच कहा जा रहा है और रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वायरल फोन कॉल की पुष्टि AMMK महासचिव टीटीवी दिनाकरन के निजी सहायक जनार्थन ने की है.
चुनाव से ठीक पहले की थी संन्यास की घोषणा
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की खास दोस्त शशिकला ने बड़ा फैसला लेते हुए राजनीति से संन्यास ले लिया था. इस बात का ऐलान करते हुए शशिकला ने अपने समर्थकों के नाम लिखे पत्र में कहा था कि आने वाले चुनाव में स्टालिन की पार्टी DMK को हराने के लिए AIADMK के काडर को एकजुट होकर मेहनत करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने जयललिता को याद करते करते हुए कहा था कि वह उनकी बड़ी बहन जैसी थीं, जिनकी वह देवी की तरह पूजा करती थीं. इससे पहले तक शशिकला और AIADMK के बीच सब कुछ ठीक भी नहीं चल रहा था. उन्हें अन्नाद्रमुक (AIADMK) से निलंबित कर दिया गया था.
आय से अधिक संपत्ति के मामले में काट चुकी हैं सजा
आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की जेल की सजा पूरी होने के बाद 8 फरवरी को बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा केंद्रीय जेल से रिहा होने के बाद शशिकला चेन्नई के टी नगर इलाके में रह रही थी. साल 2017 में, उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दी गई सजा को बरकरार रखते हुए उन्हें चार साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी. उस समय तमिलनाडु हैवीवेट जयललिता की मौत के मामले में उनकी कथित भूमिका की जांच की जा रही थी.
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