44 साल बाद सरदारगढ़ को मिला तहसील का दर्जा, 60 गांव होंगे शामिल

Update: 2023-09-22 10:35 GMT
राजसमंद। राजसमंद जिले की सबसे पुरानी सरदारगढ़ उपतहसील को राज्य सरकार ने तहसील में क्रमोन्नत कर दिया है। सरदारगढ़ को तहसील बनाने की अधिसूचना मंगलवार को संयुक्त शासन सचिव ने जारी की। इलाके के ग्रामीण गत लम्बे समय से उपतहसील मुख्यालय को तहसील में तब्दील करने की मांग कर रहे थे। इस घोषणा से क्षेत्र में खुशी का माहौल है। खासकर, सरदारगढ़ के लिए यह बड़ी सौगात है। सरदारगढ़ तहसील के लिए पदों की स्वीकृति कर तहसीलदार, राजस्व लेखाकार, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, कनिष्ठ लेखाकार, सूचना सहायक, वरिष्ठ सहायक, ऑफिस कानूनगो, आरपी के साथ ही पटवारी के पांच पद व दो कनिष्ठ सहायक पद भी सृजित किए है। संयुक्त शासन सचिव बालमुकुंद असावा की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक क्रमोन्नत तहसील सरदारगढ़ के कार्य क्षेत्र 3 भू- अभिलेख निरीक्षक वृत्त सरदारगढ़, गलवा, सियाणा पुनर्गठित तथा 12 पटवार मण्डल, जिनमें पनोतिया, लोढियाणा, सरदारगढ़, घोसुण्डी, ओलना का खेड़ा, गलवा, झौर, मुरड़ा, जेतपुरा, दोवड़ा तथा सियाणा सम्मिलित होंगे।
तहसील का प्रशासनिक कुल क्षेत्रफल 21785.5 हैक्टेयर और जनसंख्या 49255 तथा कुल राजस्व गांव 60 होंगे। सरदारगढ़ को तहसील में क्रमोन्नत होने से तहसील स्तर के कार्य एक ही जगह हो सकेंगे। पहले कुछ कार्य सरदारगढ़ उपतहसील में हो जाते तो अनेक कार्यों के लिए आमेट जाना पड़ता था। तहसील बनने से ग्रामीणों के राजस्व सम्बधित अनेक कार्य यहीं हो सकेंगे। लोगों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए आमेट तहसील कार्यालय जाने की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी। तहसील का दर्जा मिलने से किसानों को भी फायदा मिलेगा। आमेट तहसील दूरी पर होने से परेशानी होती थी। मुख्यमंत्री की सौगात से राहत मिलेगी। सरदारगढ़ उपतहसील को तहसील बनने से लोगों को लम्बी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। तहसील स्तर के सारे काम एक ही स्थान पर हो जाएंगे, जिससे लोगों का समय और पैसा बचेगा। लम्बे समय से चल रही यह मांग पूरा होने से खुशी है।
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