हौसले और हिम्मत को सलाम! शादी के दिन टूटी दुल्हन की हड्डी, दूल्हे ने उठाया ऐसा कदम लोगों का जीता दिल

Update: 2020-12-16 06:01 GMT

साल 2006 में बनी सूरज बड़जात्या की फ़िल्म 'विवाह' शायद सभी को याद होगी जिसमें दुल्हन बनने वाली अमृता राव अपनी चचेरी बहन को बचाने के चक्कर में शादी के दिन आग से जल जाती हैं और दूल्हा बने शाहिद कपूर उन्हीं से शादी करते हैं. वह रील लाइफ की पिक्चर है जो की काफी हिट भी हुई थी लेकिन यूपी के प्रयागराज में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला.

यह मामला संगम नगरी प्रयागराज में देखने को मिला जहां हाथों में मेहंदी लगी अस्पताल के बेड पर पड़ी नई नवेली दुल्हन आरती है और उसके पास बैठा युवक इसका पति अवधेश है जो कि अपनी पत्नी की देखरेख में लगा है.
दरअसल, प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके में रहने वाली आरती की शादी की तैयारियां पूरी हो गई थीं और 8 दिसम्बर की शाम को बारात आने वाली थी लेकिन दोपहर में छत पर खेल रहे अपने तीन साल के भतीजे को बचाने के चक्कर में आरती छत से नीचे आ गिरी. हादसे में उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और दोनों पैरों की ताकत चली गई. घर वालों ने उसे प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.
दूल्हे अवधेश के घर वालों को इसकी सूचना दी गई तो उसके घर से दो लोग पता करने पहुंचे. मामले की सच्चाई और घटना की जानकारी दूल्हे अवधेश को भी दी गई. आरती के घर वालों ने अवधेश से आरती की छोटी बहन से शादी कर लेने की बात कही लेकिन अवधेश ने ठान लिया था कि आरती ही उसकी जीवनसंगिनी बनेगी चाहे कुछ भी हो, वो जीवन भर उसका साथ निभाएगा.
अवधेश अपनी धर्म पत्नी आरती का पूरा ख्याल रखता है. पास खड़े रिश्तेदार और घरवाले इन दोनों के हौसले और हिम्मत को सलाम करते हैं.
वहीं, आरती के घरवाले डॉक्टर से बातचीत कर एक दिन के लिए उसे एम्बुलेंस से वापस कुंडा ले गए जहां अवधेश और बेड में लेटे हुए आरती के सात फेरे और रस्म अदायगी हुई. उसके बाद वापस आरती को प्रयागराज के इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अवधेश और आरती अपने आपको बहुत खुशकिस्मत मानते हैं कि जहां परेशानी में परछाई भी साथ छोड़ देती है, ऐसे में एक-दूसरे का साथ देकर लोगों के लिए मिसाल बन बैठे हैं. ये रियल लाइफ के हीरो बन गए हैं. इन दोनों के इस फैसले से हर कोई इनकी जमकर तारीफ कर रहा है.

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