एमपी। बीजेपी सांसद साक्षी महाराज को इलाहाबाद हाईकोर्ट से महिला का अपहरण कर गैंगरेप किए जाने के मामले में बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में दखल देने से इंकार कर दिया है. वहीं, दोषमुक्त करने संबंधी आदेश को चुनौती देने वाली क्रिमिनल रिवीजन अर्जी को भी ख़ारिज कर दिया है. ये सुनवाई जस्टिस शमीम अहमद की बेंच में हुई है. दरअसल, ये मामला 21 साल पुराना है. शिकायत के बाद महिला ने खुद ही दबाव में केस दर्ज कराने की बात कही थी, पुलिस की चार्जशीट में भी साक्षी महाराज को क्लीन चिट मिली थी. इसी आधार पर एटा की जिला अदालत ने साल 2001 में साक्षी महाराज को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. लेकिन निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. ये मामला एटा की नगर कोतवाली में दर्ज किया गया था. इस मामले में साक्षी महाराज समेत कई लोग शामिल थे.
बीजेपी नेता साक्षी महाराज अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहते हैं. हाल ही में हुए यूपी चुनाव के दौरान उन्होंने हिजाब विवाद पर बात करते हुए कहा कि विपक्ष हिजाब मुद्दे को चुनाव में लेकर आया है. ये नियम कर्नाटक में बनाया गया था.उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि एक कानून बनाकर देशभर में हिजाब को बैन कर देना चाहिए.