कोलकाता (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए सातवें राउंड के मतगणना के बाद, वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास की बढ़त का अंतर बढ़कर 8,000 वोटों से अधिक हो गया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार देबाशीष बंदोपाध्याय दूसरे स्थान पर हैं। बीजेपी के दिलीप साहा तीसरे नंबर पर बरकरार हैं।
सागरदिघी में पहले तीन राउंड के मतगणना के बाद चौथे राउंड में उन पॉकेट में गिनती शुरू हुई जहां अल्पसंख्यक मतदाता ज्यादा हैं।
उम्मीद थी कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इन अल्पसंख्यक बहुल इलाकों से पहले तीन राउंड में अपनी बढ़त हासिल कर लेगी, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार के लिए आश्चर्य की बात यह रही कि उन्होंने अपने लीड मार्जिन को 8,000 से अधिक वोटों तक पहंचा दिया।
ताजा रुझानों को देख पश्चिम बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के दिग्गज लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि रुझान साबित करता है कि सागरदिघी के अल्पसंख्यक मतदाताओं ने तृणमूल कांग्रेस को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
चौधरी ने कहा, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने अल्पसंख्यक मतदाताओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में हमारे शून्य पर आने के बाद, कुछ ने कहा कि कांग्रेस खत्म हो गई है। अब सागरदिघी साबित करते हैं कि कांग्रेस कभी खत्म नहीं होगी। कौन कह सकता है कि सागरदिघी पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के अंत की शुरूआत है।
पिछले साल 29 दिसंबर को तृणमूल कांग्रेस के पूर्व विधायक सुब्रत साहा के आकस्मिक निधन के बाद सागरदिघी में उपचुनाव जरूरी हो गया था।
वह मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र से तीन बार के टीएमसी विधायक थे, जिन्होंने 2011, 2016 और 2021 में लगातार जीत हासिल की।
2021 में, उन्होंने भाजपा की मफूजा खातून को 50,216 मतों के अंतर से हराया था।