नई दिल्ली। पिता राजेश पायलट के ऊपर उठे सवालों का जवाब देते हुए तथ्यों को गलत बताया है। असल में भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक समाचार चैनल की क्लिप शेयर की थी। इस क्लिप में दावा किया गया है कि कि राजेश पायलट ने एक पायलट के रूप में मिजोरम की राजधानी आइजोल पर 1966 में बम बरसाया था। अमित मालवीय की पोस्ट पर जवाब देते हुए कहा है कि मेरे पिता ने बम जरूर बरसाए थे, लेकिन आपने जिस जगह और तारीख का उल्लेख किया है।
अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा था कि राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिजोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराये। बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। स्पष्ट है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया। मंगलवार को इस पर जवाब देते हुए सचिन पायलट ने लिखा कि आपने गलत तारीख ओर फैक्ट दिया है। उन्होंने आगे लिखा कि मेरे पिता ने इंडियन एयरफोर्स के पायलट के रूप में बम जरूर बरसाए थे, लेकिन वह तारीख और जगह अलग थी।
सचिन पायलट ने आगे लिखा कि उन्होंने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्वी पाकिस्तान पर बम बरसाए थे। ना कि 5 मार्च 1966 को मिजोरम में, जैसा कि आपने दावा किया है। सचिन ने बताया कि वह आईएएफ में 29 अक्टूबर 1966 को इंडियन एयरफोर्स में कमीशन हुए थे। साथ ही उन्होंने सर्टिफिकेट भी अटैच किया है। इसके आगे उन्होंने लिखा है जय हिंद और हैप्पी इंडिपेंडेंस डे। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के समय पीएम मोदी ने कहा था कि इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए मिजोरम के ऊपर इंडियन एयरफोर्स का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा था कि क्या मिजोरम के नागरिक देश के नागरिक नहीं थे? उन्होंने कहा था कि आज भी मिजोरम हर साल 5 मार्च को मातम मनाता है।