नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत का दौरा कर सकते हैं. खबर है कि रूस में उनकी भारत यात्रा की तैयारियां चल रही हैं. यूक्रेन के खिलाफ जंग छिड़ने के बाद पुतिन ने अब तक बस एक ही देश मंगोलिया की यात्रा की है. ऐसे में भारत की उनकी यह यात्रा काफी अहम मानी जा रही है.
रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि पुतिन की भारत यात्रा की तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी.
परमाणु युद्ध का खतरा मंडराया
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अगर कोई देश जिसके पास परमाणु शक्ति नहीं है, अगर वो किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से रूस पर हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग का ऐलान समझा जाएगा. अगर रूस के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल हुआ तो जवाब में परमाणु हमला भी किया जा सकता है.
पुतिन ने यह बदलाव अपने देश के न्यूक्लियर डॉक्ट्रीन में किया है. ताकि यूक्रेन का सपोर्ट कर रहे देश उसपर हमला न कर सकें. अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने हाल ही में यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत दी है. जिसके बाद पुतिन ने यह कदम उठाया है.
सिर्फ इतना ही नहीं. पुतिन ने जो अन्य बदलाव किए हैं, वो ये हैं...
- अगर कोई देश रूस के खिलाफ ड्रोन हमला करता है, तो इसके जवाब न्यूक्लियर डेटरेंस के तौर पर भी किया जा सकता है. रूस की सेना इस तरह के हमले का करारा जवाब देगा.
- अगर रूस की सीमा पार करके कोई हथियार हवा या अंतरिक्ष से आता है, तो इसे रूस के खिलाफ जंग माना जाएगा. रूस ऐसी स्थिति में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.
- रूस को ऐसा लगा कि उसके देश को और लोगों को खतरा है तो वह न्यूक्लियर मिसाइल और मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी तैनात कर सकता है. ताकि दुश्मन के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.
- अंतरिक्ष से हमले की स्थिति में रूस अपने मिसाइल डिफेंस सिस्टम को एक्टीवेट करेगा. साथ ही स्पेस में भी हमला किया जा सकता है. इस तरह के हमले में न्यूक्लियर डेटरेंस का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.
रूस ने ऐसा क्यों किया?
पुतिन को लगता है कि रूस के खिलाफ गैर-परमाणु संपन्न देश में अगर न्यूक्लियर पावर वाले देश हथियारों का इस्तेमाल करते हैं, तो यह रूस के खिलाफ मिलिट्री डेंजर है. ऐसे खतरों से बचने के लिए न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. रूस की न्यूक्लियर डेटरेंट फोर्स में जमीनी, समुद्री और हवाई सेना शामिल है.
यानी दुश्मन पर रूस इन तीनों जगहों से हमला करेगा. रूस पूरा प्रयास कर रहा है कि किसी भी तरह की जंग और न हो. खासतौर से परमाणु युद्ध न हो. इसलिए रूस ने दुनियाभर को चेतावनी दी है कि अगर किसी ने रूस के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल दागी तो रूस इसके खिलाफ न्यूक्लियर हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है.