अजमेर। अजमेर सरकारी तंत्र के कामकाज और विभागीय तालमेल के अभाव का नमूना देखना है तो अशोक उद्यान के सामने एआरजी सिटी कट पर चले आइए। अव्वल तो अजमेर विकास प्राधिकरण को ट्रांसफार्मर हटाने और सड़क बनाने में एक साल से भी ज्यादा का वक्त लग गया। सड़क का डामरीकरण किया तो विद्युत पोल हटाना मुनासिब नहीं समझा। जो कभी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।अशोक उद्यान चौराहे पर ट्रेफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रेफिक मैनेजमेंट कमेटी की ओर से करीब एक साल पहले तकनीकी खामी दूर करने के लिए ड्राइंग तैयार की।
ड्राइंग पर तत्कालीन जिला कलक्टर, एसपी की मोहर के बाद परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने भी सहमति जता दी, लेकिन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम करने वाले कारिन्दों ने चौराहा बनाने से हाथ खींच लिए। यही नहीं अशोक उद्यान चौराहा का विकास करने की जिम्मेदारी निभाने वाले एडीए ने भी योजनाबद्ध तरीके से काम करने से हाथ खींच लिए। हालांकि एडीए ने बरसाती पानी की निकासी के लिए नाला निर्माण, सड़क की चौड़ाई का काम किया, लेकिन उक्त काम में भी एक साल का वक्त गुजर गया। जो काम किया गया वो भी आधा-अधूरा पड़ा रहा। जहां पहले 6 माह बिजली का ट्रांसफार्मर को शिफ्ट करने में गुजर गए। फिर एआरजी सिटी, अशोक उद्यान के तिराहा (कॉर्नर) पर सड़क बनाने में बीत गए।