'नगा शांति वार्ता' के वार्ताकार पद से आर एन रवि ने दिया इस्तीफा, केंद्र ने किया मंजूर

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के राज्यपाल (Governor) आर एन रवि ने नगा शांति वार्ता के वार्ताकार पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया।

Update: 2021-09-22 17:31 GMT

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के राज्यपाल (Governor) आर एन रवि ने नगा शांति वार्ता के वार्ताकार पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया और उसे तत्काल प्रभाव से मंजूर कर लिया गया है. गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी. रवि 2014 से नगा उग्रवादी संगठन एनएससीएन-आईएम के साथ शांति वार्ता कर रहे थे.

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, '' नगा शांति प्रक्रिया के वार्ताकार के रूप में श्री आर एन रवि का त्यागपत्र उनके द्वारा आज सौंपा गया जिसे भारत सरकार ने मंजूर कर लिया है. '' रवि को जुलाई, 2019 में नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था और वह केंद्र सरकार की ओर से वार्ताकार की भूमिका भी निभा रहे थे.
एनएससीएन -आईएम ने लगाया था आर एन रवि पर वार्ता में अड़ंगा लगाने का आरोप
एनएससीएन -आईएम ने उनपर शांति वार्ता में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाते हुए पिछले साल से उनसे वार्ता करने से इनकार कर दिया. इस महीने की शुरुआत में रवि का तमिलनाडु के राज्यपाल के तौर पर तबादला कर दिया गया.
केंद्र सरकार ने पहले ही खुफिया ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक ए के मिश्रा को नगा संगठनों के साथ शांति वार्ता में लगा दिया है. मिश्रा नगा विद्रोही संगठनों के साथ वार्ता बहाल कर चुके हैं. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा और नगालैंड के उनके समकक्ष नीफू रियो ने मंगलवार का एनएससीएन -आईएम टी मुइवा के साथ बैठक की थी.
विवाद समाधान की दिशा में रवि ने उठाया था ये बड़ा कदम
रवि ने अंतिम विवाद समाधान की दिशा में एक बड़े कदम के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में तीन अगस्त, 2015 को मुइवा के साथ प्रारूप समझौते पर दस्तखत किये थे. इस समझौते से पहले 18 सालों तक 80 दौर की वार्ता हुई थी और 1997 में पहली सफलता तब मिली जब नगालैंड में दशकों के उग्रवाद के बाद संघर्षविराम समझौता हुआ.
लेकिन शांति वार्ता पर प्रगति नहीं हुई क्योंकि नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड- इसाक मुइवा (एनएससीएन)-आईएम ने नगालैंड के लिए पृथक झंडे और संविधान की मांग की. केंद्र ने यह मांग ठुकरा दी.
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