नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के दो साल बाद भी दुनियाभर में हर जगह कोविड-19 के हजारों मामले दर्ज किए जा रहे हैं। संक्रमण के नए वैरिएंट्स के बढ़ने के साथ ही कोविड के लक्षणों में बदलाव आए हैं। शुरुआत में ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) ने बुखार, खांसी, सूंघने या स्वाद की क्षमता जाने या उसमें बदलाव इसके मुख्य लक्षण बताए थे। अब एनएचएस के हाल में दिशा-निर्देशों से गले में सूजन, नाक बंद होना या बहना और सिर में दर्द समेत अन्य लक्षणों की भी जानकारी दी गई है।
इसके कुछ और अधिक अस्पष्ट संकेतों व लक्षणों के बारे में क्या कहा जा सकता है? त्वचा पर घाव से लेकर सुनने की क्षमता जाने तक सामने आ रहे आंकड़ें तेजी से यह दिखा रहे हैं कि कोविड के लक्षण आम सर्दी-खांसी या फ्लू से अलग हो सकते हैं।
कोविड से जुड़ी त्वचा संबंधी शिकायतें असामान्य नहीं हैं। बल्कि ब्रिटेन में 2021 में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि पांच मरीजों में से केवल एक में त्वचा पर चकत्ते दिखे व अन्य कोई लक्षण नहीं दिखा। कोविड कई तरीकों से त्वचा पर असर डाल सकता है। कुछ लोगों को त्वचा पर दाग या दाने होने का अनुभव हो सकता है जबकि अन्य लोगों को त्वचा में जलन के साथ दाने होने की समस्या हो सकती है।
त्वचा से जुड़े कोविड के ज्यादातर लक्षण बिना किसी खास इलाज की आवश्यकता के कुछ दिनों बाद गायब हो सकते हैं या कुछ मामलों में कुछ हफ्तों बाद। अगर त्वचा में बहुत जलन या दर्द हो रहा है तो आप त्वचा विशेषज्ञ को दिखा सकते हैं जो कोई क्रीम जैसे इलाज बता सकता है।
सार्स-सीओवी-2 समेत किसी भी संक्रमण के दौरान हमारा शरीर प्राकृतिक तौर पर यह बताने की कोशिश करता है कि वह कितने दबाव में है। वह कई तरीकों से यह बताने की कोशिश कर सकता है जिसमें हमारे नाखूनों के जरिए भी संकेत दे सकता है। जब शरीर पर शारीरिक दबाव होने के कारण नाखूनों की वृद्धि में अस्थायी रुकावट आती है तो उंगलियों के नाखूनों पर क्षैतिज रेखाएं आती हैं।
नाखून के नीचे की त्वचा में प्रोटीन के असामान्य उत्पादन से नाखूनों पर क्षैतिज सफेद रेखाएं उभर आती हैं। कोविड के नाखूनों से जुड़े लक्षणों को लेकर आंकड़ें सीमित है लेकिन ऐसा अनुमान है कि एक से दो प्रतिशत कोविड मरीजों को यह हो सकता है।
बाल झड़ना शायद कोविड-19 का छोटा-सा लक्षण है, जो संक्रमण के बाद एक महीने या उससे थोड़े अधिक समय तक होता है। कोविड से पीड़ित रहे करीब 6,000 लोगों के एक अध्ययन से पता चला कि करीब 48 प्रतिशत लोगों ने कोरोना वायरस संक्रमण के बाद बाल झड़ने को सबसे आम समस्या बताया। यह उन लोगों में अधिक समय तक रहा जो गंभीर रूप से संक्रमित रहे।
फ्लू और खसरे समेत अन्य संक्रमण के साथ ही कोविड का कान की अदंरुनी कोशिकाओं पर असर देखा गया, जिससे सुनने की क्षमता पर असर पड़ा या टिनिटस की समस्या हुई, जिसमें कान में लगातार आवाज गूंजने का अहसास होता रहता है। करीब 560 लोगों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि कोविड के 3.1 फीसदी मरीजों की सुनने की क्षमता चली गई जबकि 4.5 फीसदी लोगों को टिनिटस की समस्या हुई।
हमें ठीक से समझ नहीं आता है कि ये लक्षण क्यों दिखाई देते हैं लेकिन असल में सूजन का बहुत असर पड़ता है। सार्स-सीओवी-2 जैसे रोगजनकों के खिलाफ हमारे शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली के रूप में सूजन काम करती है। इसमें साइटोकिन्स नामक प्रोटीन का उत्पादन होता है, जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधि को नियंत्रित करने में अहम है।
कोरोना वायरस के कारण हुई सूजन के तौर पर इन प्रोटीन के अत्यधिक उत्पादन से कुछ लोगों की सुनने की क्षमता चली जाती है या उन्हें टिनिटस की समस्या हो जाती है। इसे बेहद छोटी रक्त वाहिकाएं भी अवरुद्ध हो सकती है जो कानों, त्वचा और नाखूनों समेत अन्य अंगों को रक्त पहुंचाती हैं।