16 वीं लोकसभा के आखिरी दिन प्रधानमंत्री ने मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ की थी। खड़गे उस वक्त लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे से रोज हमारा थोड़ा बहुत रहता था लेकिन मेरे भाषणों को खाद-पानी उनसे ही मिलता है। मेरी विचार चेतना को जगाने में उनकी बातें बहुत काम आती थीं। उसके लिए मैं खड़गे साहब का आभारी हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो इतने वर्षों से जनप्रतिनिधि हैं और इसके बावजूद वे संसद को अपना पूरा समय देते हैं और चर्चा के दौरान संसद में उपलब्ध रहते हैं। खड़गे जी ने जनप्रतिनिधि के नाते मिली जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है और इसके लिए वे खड़गे जी का अभिनंदन करते हैं।
मौका था कर्नाटक चुनाव और पीएम मोदी यहां बीजेपी का प्रचार करने पहुंचे। कलबुर्गी में उनकी सभा थी और यहां वो कांग्रेस पर निशाना साधते-साधते मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ करने लगे। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने साल मल्लिकार्जुन खड़गे को साल 2013 में सीएम नहीं बनाकर दलितों को धोखा देने का आरोप लगाया। मोदी ने कहा कि कांग्रेस पांच साल पहले खड़गे को मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन देकर दलित वोट हासिल किए थे लेकिन चुनाव बाद सिद्धारमैया को सत्ता सौंप दी।
भले ही इन चार दीवारों से निकल रहे हैं लेकिन इस अनुभव को राष्ट्र के सर्वोत्तम हित के लिए चारों दिशाओं में ले जाएं। यह हम सबका संकल्प रहे। सदस्यों का अनुभव देश की समृद्धि में बहुत काम आएगा क्योंकि उन्होंने एक लंबा समय सदन की चारदीवारी में बिताया है।
पीएम मोदी
राज्यसभा से मार्च और जुलाई के बीच 72 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सांसदों के लिए दिए गए अपने विदाई भाषण में उच्च सदन में कहा कि जो सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनके पास अनुभव की बहुत बड़ी पूंजी है और कभी-कभी अनुभव की ताकत ज्ञान से ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि ज्ञान की तो अपनी सीमाएं होती हैं, वह सम्मेलनों में काम भी आता है लेकिन अनुभव से जो प्राप्त होता है, उसमें जटिल समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं। प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों से फिर लौटने को कहा और आग्रह किया कि अपने कार्यकाल के दौरान सदस्यों ने सदन में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया और उस योगदान ने देश को आकार और एक दिशा देने में भूमिका निभाई है तो वे उसे जरूर कलमबद्ध करें।
कांग्रेस के ए के एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, पी चिदंबरम के अनुभवों का हमें हमेशा लाभ मिला। आज उन्हें विदाई देते हुए ऐसा लग रहा है, मानों मैं बहुत कुछ खो रहा हूं।
मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता विपक्ष
सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज 19 राज्यों के 72 सदस्यों को विदाई दी जा रही है। उन्होंने कहा सदन की गरिमा बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान देने वाले ये 72 सदस्य सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के हैं। कांग्रेस के 13 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इनमें से कुछ सदस्य बहुत वरिष्ठ हैं और उन्हें लंबा अनुभव भी है। खड़गे ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने राज्यसभा के अधिकार को कम नहीं होने दिया और उच्च सदन के सदस्यों को वित्तीय समितियों में शामिल करने की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी 1987 में विपक्ष में थे, तब उन्होंने अपने अनुभव बताते हुए कहा था कि राज्यसभा में रहे बिना राजनीति का पूरा अनुभव नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा, मैं आज इस बात को महसूस कर पा रहा हूं क्योंकि राज्यसभा में आए बिना मेरा भी राजनीति का अनुभव अधूरा था।