एफडी पर स्पेशल ब्याज दर तय करने का अनुरोध, प्रियंका चतुर्वेदी ने वित्त मंत्री सीतारमण को लिखी चिट्ठी
दिल्ली। बजट के जरिए बूढ़े और रिटायर्ड लोगों की आर्थिक समस्या को दूर करने की गुहार लगाई गई है. यह गुहार शिव सेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) ने लगाई है. उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिख कर वरिष्ठ नागरिकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी पर स्पेशल ब्याज दर तय करने का अनुरोध किया है. प्रियंका चतुर्वेदी ने डाकघर की बचत योजनाओं और पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF पर निवेश की सीमा हटाने की अपील भी की है.
चतुर्वेदी ने सीतारमण को लिखे पत्र में कहा है कि बचत योजनाओं पर निचली ब्याज दरों की वजह से आज वरिष्ठ नागरिकों के पास सेवानिवृत्ति कोष काफी कम रहता है. इससे उनकी जेब पर भारी बोझ पड़ा है, विशेषरूप से कोविड-19 महामारी के दौरान वे काफी परेशान हुए हैं. महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य चतुर्वेदी ने कहा कि आम बजट एक अवसर है, जबकि सरकार ऐसे लोगों की मुश्किलों को दूर कर उन्हें राहत दे सकती है. उन्होंने कहा कि ऊंची मुद्रास्फीति की दर को देखते हुए अभी ब्याज दर काफी कम है. हाल के बरसों में एफडी पर ब्याज दर 12 फीसदी से घटकर पांच फीसदी रह गई है. उन्होंने कहा कि डाकघर की बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटकर सात फीसदी रह गई और इसमें निवेश की सीमा 15 लाख रुपये है.
उन्होंने लिखा है कि पीपीएफ के मामले में निवेश की सालाना सीमा सिर्फ डेढ़ लाख रुपये है. यही नहीं पीपीएफ को छोड़कर अन्य पर टैक्स भी लगता है. पत्र में कहा गया है कि ब्याज दरें कम होने की वजह से आज वरिष्ठ नागरिकों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पास इतनी आमदनी नहीं है, कि वे अपना घर ठीक से चला पाएं. उन्होंने वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि वरिष्ठ नागरिकों और सेवानिवृत्त लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए बैंक एफडी पर विशेष ब्याज दर तय की जानी चाहिए.
इसके अलावा घरेलू फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री हेल्थकेयर सेक्टर के लिए कुल फंड आवंटन में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही है. इसके साथ आने वाले केंद्रीय बजट में इंडस्ट्री ऐसी नीतियों पर ध्यान की भी उम्मीद कर रही है, जो रिसर्च और डेवलपमेंट को प्रोत्साहन दें. इसके अलावा कई दवाइयों पर टैक्स में रियायत की भी उम्मीद है. इंडस्ट्री कई प्रक्रियाओं को आसान बनाने की भी मांग कर रही है, जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए कारोबार करने में आसानी को बढ़ाया जा सके.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑर्गनाइजेशन ऑफ फार्मास्युटिकल प्रोड्यूसर्ज ऑफ इंडिया (OPPI) के प्रेजिडेंट एस श्रीधर ने बताया कि बजटीय आवंटन को वर्तमान वर्तमान के जीडीपी के 1.8 फीसदी से बढ़ाकर 2.5 फीसदी से 3 फीसदी किए जाने की उम्मीद है, जैसा नेशनल हेल्थ पॉलिसी 2017 में कहा गया था.