Nahan. नाहन। श्रीरेणुका बांध जन संघर्ष समिति द्वारा चलाए गए गांव चलो अभियान के चौथे दिन संगड़ाह पंचायत के ग्राम सियूं में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में ग्राम सियूं कांडवा, कुंटी और चौल आदि गांव के दर्जनों विस्थापितों ने भाग लिया। संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए बांध प्रबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि बांध प्रबंधन के महाप्रबंधक आरके चौधरी ने गत वर्ष 29 सितंबर को ग्राम सियूं में आयोजित बैठक में विस्थापितों को आश्वासन दिया था कि उन्हें एक माह का समय दिया जाए। वह विस्थापितों की प्रत्येक समस्या का समाधान एक माह के भीतर कर देंगे, लेकिन एक वर्ष बीतने जा रहा है उनके द्वारा विस्थापितों की किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया गया। इसके कारण विस्थापितों में बांध प्रबंधन के प्रति गहरा रोष व्याप्त है।
उन्होंने कहा कि जो लोग डूब क्षेत्र में रह रहे हैं तथा कई सदियों से यहां पर अपना जीवन बसर कर रहे हैं। इसके अलावा काश्तकारों मुजारो व वन भूमि में रह रहे लोगों को पूर्ण विस्थापित का दर्जा मिलना चाहिए। संघर्ष समिति के संस्थापक सदस्य प्रताप सिंह तोमर एवं महासचिव संजय चौहान ने कहा कि उनके सबर का बांध टूटता जा रहा है, क्योंकि बंद प्रबंधन अपने वादे पर कहीं भी खड़ा नहीं उतरा है। उन्होंने बताया कि विस्थापितों के छात्रों के लिए हाल ही में आईटीआई के फार्म निकले थे, लेकिन बांध प्रबंधन द्वारा फार्म भरने की अंतिम तिथि के एक दिन बाद संघर्ष समिति को प्राप्त हुए। इसके अलावा विस्थापित होने वाले परिवार चिंतित है कि उन्हें बांध प्रबंधन द्वारा दीजाने वाली सुविधाएं मिलेंगी भी या नहीं। बैठक में संस्थापक सदस्य प्रताप सिंह तोमर, महासचिव संजय चौहान, प्रेस सचिव जयप्रकाश शर्मा, सुरेंद्र सिंह, रघुवीर सिंह, विजय कुमार, आजाद लक्ष्मी सिंह, गीता राम शमार्, रूप सिंह, चेत सिंह, बालमोहन रघुवीर शर्मा, आनंद पूरन सिंह, उदय सिंह चौहान, सुमित समेत दर्जनों लोगों ने भाग लिया।