दुनिया में हो रही रेणु पासवान की चर्चा

Update: 2022-05-26 04:58 GMT

बाल विवाह(फाइल फोटो)

मुजफ्फरपुर: कभी मैट्रिक के बाद तय अपनी शादी के खिलाफ आवाज उठाने वाली मुजफ्फरपुर की बेटी आज दुनिया की हजारों महिलाओं की आवाज बन चुकी हैं। बाल विवाह के खिलाफ घर छोड़ने वाली रेणु पासवान 135 देशों की 100 ताकतवर महिलाओं में शुमार हो गयी हैं। इन्हें मई के पहले सप्ताह में जी-100 समूह का स्टेट चेयरपर्सन बनाया गया है। रेणु बिहार से पहली महिला हैं, जिन्हें इसमें शामिल किया गया है।

मिठनपुरा निवासी नागेंद्र पासवान की बेटी रेणु शुरू से जिद की पक्की थी। घर-समाज के लोग कहते कि मैट्रिक कर लिया, अब शादी नहीं तो और क्या करोगी। मगर रेणु अपने समुदाय की अन्य लड़कियों की तरह जिंदगी नहीं जीना चाहती थी। उसे बदलना और बदलाव लाना था। उन्होंने बताया कि उनके दोनों भाई दिव्यांग हैं, फिर भी अपने लक्ष्य से कभी नहीं डिगी। समुदाय की सोच के खिलाफ जाने पर नाते-रिश्तदारों के ताने भी सुने, लेकिन पढ़ाई जारी रखी। बेंगलुरु से बायोटेक्नोलॉजी किया। 2008 में पुणे आई और एमबीए किया। इस दौरान लंबा संघर्ष किया। प्लेसमेंट हुआ और 10 साल जॉब किया।
रेणु ने बताया कि 2018-19 के बीच लैंगिक समानता पर लिखी मेरी तीन किताबें आईं, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी ही नहीं, बदली भी। इसमें मैंने अपने संघर्ष को भी उजागर किया है। बताया है कि कैसे जब दूसरे राज्यों में गई तो ट्रेन की सीट के नीचे सोना पड़ा। लोगों ने कहा कि वंचित समुदाय का टाइटल चेंज कर लो। मगर मैंने कहा ना टाइटल बदलूंगी और ना खुद को। बस पहचान बदलूंगी, ताकि हमारा समाज बदले। रेणु की इसी जिद के कारण ग्लोबल स्तर पर यूएनए की ओर से वर्ष 2020 में 'शी द चेंज' का टाइटल मिला। कई अंतरराष्ट्रीय अवार्ड पा चुकीं रेणु अब सूबे की ग्रामीण महिलाओं की आवाज बनेंगी।
रेणु ने बताया कि जी-100 से अलग-अलग सशक्त महिलाएं जुड़ी हैं। इंटरप्रेन्योर से लेकर इन्वेर्स्टस तक। इसका फायदा हर तबके की महिलाओं तक पहुंचाना है। ऐसी महिलाएं, जो अपने काम में कमबैक करना चाहती हैं या जो पीड़ित हैं या जिन्हें रास्ता नहीं मिल रहा। जी 100 समूह से पद्मश्री कल्पना सरोज, नूरिया मारीन, लिसा समेत कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय हस्तियां जुड़ी हैं। रेणु ने बताया कि जेंडर एडवोकेटर के तौर पर काम कर रही हूं। लैंगिक असमानता की शिकार महिलाओं को अलग-अलग बिजनेस से जुड़ी महिलाओं का सहयोग मिलेगा।
जी 100 एक इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म है, जो महिलाओं के सशक्तीकरण पर काम करता है। इसमें अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ीं 135 देशों की महिला लीडर हैं, जो अलग-अलग देशों की महिलाओं के लिए मिलकर काम करती हैं। इससे आज एक मिलियन से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं।
साभार: हिंदुस्तान
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