कोरोना उपचार के ल‍िए न‍िर्धारि‍त दवाओं की सूची में से मोलनुपिरवीर को हटाया, ICMR ने लिया अहम फैसला

इंड‍ियन काउंस‍िल ऑफ मेड‍िकल र‍िसर्च (ICMR) ने मोलनुपिरवीर (Anti-viral Covid pill, Molnupiravir) को लेकर एक अहम फैसला ल‍िया है.

Update: 2022-01-11 14:12 GMT

इंड‍ियन काउंस‍िल ऑफ मेड‍िकल र‍िसर्च (ICMR) ने मोलनुपिरवीर (Anti-viral Covid pill, Molnupiravir) को लेकर एक अहम फैसला ल‍िया है. ICMR के नेशनल कोरोना टॉस्‍क फोर्स (National Task Force for Covid-19) ने मोलनुपिरवीर को क्‍लीन‍िक मैनजमेंट प्रोटोकॉल से हटाने का फैसला ल‍िया है. जि‍सके बाद से अब मोलनुपिरवीर कोरोना उपचार के ल‍िए न‍िर्धार‍ित की गई दवाओं की सूची से बाहर हो गई है. अंग्रेजी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंड‍िया ने आध‍िकार‍िक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है.

टाइम्‍स ऑफ इंड‍िया ने अपनी र‍िपोर्ट में कहा है क‍ि सोमवार को ICMR के नेशनल कोरोना टॉस्‍क फोर्स की बैठक आयोजि‍त की गई थी. ज‍िसमें फोर्स के व‍िशेषज्ञों ने मोलनुपिरवीर से जुड़ी स्‍वास्‍थ्‍य च‍िंंताओं पर चर्चा की. साथ ही बैठक में व‍िशेषज्ञों ने कहा क‍ि मोलनुपिरवीर कोरोना उपचार के ल‍िए बहुत ज्‍यादा उपयोगी नहीं है. ज‍िसके बाद मोलनुपिरवीर को क्‍लीन‍िक मैनजमेंट प्रोटोकॉल से हटाने का फैसला ल‍िया गया है.
मोलनुपिरवीर को 28 द‍िसंबर को ही मिली थी अनुमत‍ि
मोलनुपिरवीर एक एंटीवायरल दवा है. जो वायरल म्यूटेनेसिस द्वारा SARS-CoV-2 को रोकने में सक्षम है. इस कोरोना रोधी गोली के आपातकालीन प्रयोग के ल‍िए 28 दिसंबर को ही ड्रग रेगुलेटर जनरल इंडिया ने मंजूरी दी थी. वहीं समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से कहा है क‍ि नेशनल कोरोना टॉस्‍क फोर्स के सदस्य कोरोना उपचार के ल‍िए दवाओं के न‍िर्धार‍ित प्रोटोकॉल में मोलनुपिरवीर को शामिल करने के पक्ष में नहीं थे. ज‍िसका मुख्‍य कारण मोलनुपिरवीर लेने के बाद अध‍िक सुरक्षा च‍िंंता और कोरोना के उपचार में इसका कम फायदा था. हालांक‍ि ICMR की तरफ से कोरोना उपचार के ल‍िए न‍िर्धारि‍त प्रोटोकॉल से हटाए जाने के बाद भी मोलनुपिरवीर की ब्र‍िक्री बंद नहीं की जाएंगी. यह डॉक्‍टरों के परामर्श से उपलब्‍ध होगी.
ICMR ने प‍िछले सप्‍ताह मोलनुपिरवीर को लेकर जताई थी च‍िंंता
ICMR ने प‍िछले सप्‍ताह मोलनुपिरवीर को लेकर अपनी च‍िंता जाहि‍र की थी. ICMR के प्रमुख डा बलराम भार्गव ने कहा था क‍ि WHO और लंदन इस दवा का प्रयोग कोरोना उपचार के ल‍िए नहीं कर रहा है. उन्‍होंने कहा था क‍ि हमें यह याद रखना होगा कि इस दवा से प्रमुख सुरक्षा चिंताएं जुड़ी हैं. यह भ्रूण विकार उत्पन्न कर सकती है और आनुवंशिक बदलाव से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है. यह मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंचा सकती है. भार्गव ने कहा था कि दवा लेने के बाद तीन महीने तक पुरुष और महिलाओं-दोनों को गर्भ निरोधक उपाय अपनाने चाहिए. क्योंकि भ्रूण विकार संबंधी स्थिति के प्रभाव के बीच पैदा हुआ बच्चा समस्या से ग्रस्त हो सकता है.
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