बना रिकॉर्ड! विधायकों का पार्टी बदलना अब राजनीति में कोई नई बात नहीं, लेकिन यहां तो अति हो गया

Update: 2022-01-16 03:59 GMT

पणजी: विधायकों का पार्टी बदलना अब राजनीति में कोई नई बात नहीं है, खासकर गोवा में तो बिल्कुल नहीं. वहीं, गोवा में तो ये इतिहास रहा है कि यहां एक या दो विधायकों के पाला बदलने से ही राज्य में सत्ता का फेरबदल हो जाता है.

गोवा में पिछले 5 साल यानी मौजूदा विधानसभा में 24 विधायक पार्टी बदल चुके हैं. हालांकि, यह सब उस वक्त से शुरू हुआ, जब तत्कालीन सीएम मनोहर पर्रिकर ने विश्वास मत साबित किया था. उस वक्त कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम प्रताप सिंह राणे के बेटे विश्वजीत राणे ने विश्वास मत से वॉकआउट कर दिया था और पर्रिकर को विश्वास मत जीतने में मदद मिली. इसके बाद विश्वजीत बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने चुनाव जीतने के बाद मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.
इसके एक साल के भीतर ही कांग्रेस के दो नेता दयानंद और सुभाष सिरोडकर ने इस्तीफा दे दिया और बाद में इन सीटों पर चुनाव हुआ. वहीं, 2019 में पर्रिकर के निधन के बाद प्रमोद सावंत सीएम बने.
इसके कुछ महीनों बाद बीजेपी की सहयोगी एमजीपी में भी टूट देखने को मिली. पार्टी के 3 विधायकों में से 2 बीजेपी में शामिल हो गए. मनोहर बाबू अजगांवकर को डिप्टी सीएम बनाया गया. वहीं, एमजीपी ने बीजेपी को इस फूट के लिए जिम्मेदार ठहराया.
वहीं, पर्रिकर की सीट पणजी में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के बाबुश मोनसेरेट ने जीत हासिल की. हालांकि, वे जल्द ही अपनी पत्नी और 8 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए. इसमें कांग्रेस के विपक्ष के नेता चंद्रकांत बाबू कावलेकर फ्रांसिस सिल्वेरा भी शामिल थे.
गोवा में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के बाद एक बार फिर दलबदल शुरू हुआ. निर्दलीय विधायक और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के एक विधायक ने बीजेपी जॉइन की. इसके अलावा कांग्रेस नेता रवि नाइक भी बीजेपी में शामिल हो गए.
इसके बाद गोवा की राजनीति में ममता बनर्जी की पार्टी की एंट्री हुई. एनसीपी के विधायक टीएमसी में शामिल हो गए. वहीं, निर्दलीय विधायक गोविंद गौडे बीजेपी में शामिल हुए. सिर्फ कांग्रेस के विधायकों ने ही पार्टी नहीं बदली. बल्कि बीजेपी के विधायकों ने भी दलबदल किया.
बीजेपी की अलीना सलदान्हा आप में शामिल हुईं. इसके बाद बीजेपी को बड़ा झटका उस वक्त लगा, जब पूर्व स्पीकर और विधायक माइकल लोबो कांग्रेस में शामिल हो गए. इसके बाद बीजेपी विधायक प्रवीण जांती एमजीपी में शामिल हो गए. हालांकि, इन सब दलबदल के बीच बीजेपी ने सत्ता में 5 साल पूरे कर लिए. 
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