प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने सामूहिक नकल की शिकायतों पर 176 माध्यमिक विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जवाब से संतुष्ट न होने पर इन स्कूलों की मान्यता रद्द भी हो सकती है। यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने 176 स्कूलों की सूची जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) को भेज दी है, ताकि इन स्कूलों को 2023 की बोर्ड परीक्षाओं का केंद्र न बनाया जाए।
यूपी बोर्ड को बोर्ड और आंतरिक परीक्षाओं के दौरान इन स्कूलों में नकल की शिकायतें मिली थीं। बोर्ड पहले ही 176 में से 20 स्कूलों की मान्यता रद्द कर चुका है। सबसे अधिक 27 स्कूल आजमगढ़ मंडल से हैं, जबकि चार प्रयागराज मंडल में हैं।
शुक्ला ने कहा, इन स्कूलों को पिछली परीक्षाओं में विसंगतियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं हमने सूची को संबंधित डीआईओएस को भी भेज दिया है, ताकि इन स्कूलों को 2023 में कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र न बनाया जाए।
स्कूलों के मामले और जवाब यूपी बोर्ड की मान्यता समिति के समक्ष रखे जाएंगे और मान्यता वापस लेने से पहले इसकी सिफारिशें राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजी जाएंगी।
अधिकारियों ने बताया कि कई मामलों में संबंधित डीआईओएस और क्षेत्र के संभागीय संयुक्त शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) से भी रिपोर्ट मांगी गई है.
कुछ विद्यालय ऐसे हैं जिनके लिए डीआईओएस के साथ-साथ शिक्षा के संयुक्त निदेशक स्तर पर मान्यता वापस लेने की अनुशंसा की गई थी। पिछले साल परीक्षाओं के दौरान सामूहिक नकल में मदद करने वाले स्कूलों के खिलाफ भी मान्यता वापस लेने की सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
प्रयागराज के भी चार स्कूलों की मान्यता वापस ली जा रही है। शंकरगढ़ के सिंधी टोला स्थित न्यू चिल्ड्रेन स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी कर मामला यूपी बोर्ड की मान्यता प्रदान करने वाली समिति को भेजा गया है।
चंद्रसेन स्थित श्री बच्चा सिंह सिंगरौर इंटर कॉलेज और असरावे कलां स्थित यूडी मेमोरियल इंटर कॉलेज के मामले में संयुक्त शिक्षा निदेशक से भी रिपोर्ट मांगी गई है।
ट्रांसपोर्ट नगर धूमनगंज के गयासुद्दीनपुर के पंचम लाल आश्रम इंटर कॉलेज के खिलाफ भी कार्रवाई चल रही है।