जयपुर: राजस्थान के उदयपुर में तीन दिन तक चले चिंतन शिविर में उम्र वाले प्रस्ताव पर गहलोत कैबिनेट के एक मंत्री की राय अलग है. उन्होंने कहा है कि युवाओं को गलतफहमी नहीं होनी चाहिए. सीनियोरिटी, एक्सपीरिएंस बहुत कुछ सीखाती है. बता दें कि चिंतन शिविर में प्रस्ताव आया था कि पार्टी से युवाओं को जोड़ने के लिए संगठन में 50 प्रतिशत पद 50 साल से कम उम्र वालों को दिया जाएगा. साथ ही चुनाव में 50 प्रतिशत टिकट 50 साल से कम आयु वालों को मिलेगा.
खाचरियावास ने न्यूज़ चैनल आजतक से बातचीत में कहा कि देखिए, राजनीति में मेरी अलग सोच है, मेरी व्यक्तिगत सोच है. राजनीति में उम्र के लिए कोई जगह नहीं है. यंग लोगों को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि हम ही फिट हैं या हम ही अच्छा काम कर सकते हैं. सिनियोरिटी, एक्सपीरियंस, उम्र भी बहुत कुछ सिखाती है.
खाचरियावास ने कहा कि इस देश में प्रधानमंत्री की उम्र कितनी है वो आप और हम जानते हैं, इसलिए यह बात करना, उम्र के बारे में बात करना, मेरा यह मानना है कि अपनी कमजोरी को छुपाना है. राजनीति में खुला मैदान है. कांग्रेस हो या बीजेपी, जब उम्र की बात करते हैं ... अरे, जो डिजर्व करेगा वो आएगा, जिसमें दम होगा, आप उसको रोकोगे? वो धरती फाड़ के आ जायेगा, दीवार तोड़ के आ जाएगा.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आज यदि कांग्रेस या बीजेपी में कोई पावरफुल नेता है और आप इसलिए उसको रोक दोगे कि भाई यह तो इस परिवार का है, या यह उस परिवार का है तो कल दिक्कत खड़ी हो जाएगी. अपनी ही पार्टी पर कटाक्ष करते हुए खाचरियावास ने कहा कि जब हम जनता की आवाज नहीं समझेंगे, फिर रिजल्ट नहीं दे पाएंगे.
खाचरियावास ने कहा कि राजनीति में डिजर्वेनेस है. उम्र सब कुछ नहीं है. जो पब्लिक में पॉपुलर हो, जिनको लोग पसंद करते हों, जो जनता के बीच में खड़े हो कर खून पसीना बहा सकता हो, जो काम कर सकता हो, उसको आगे आना चाहिए. यह कांग्रेस या फिर बीजेपी तय करेगी कि इनको यह करेंगे, वो करेंगे? जब पार्टियां जनता की पसंद को समझेंगी, संघर्ष को मानेगी और उम्र को महत्व न देकर यह महसूस करेंगी कि जनता में इसकी आवाज है. जब हम जनता की आवाज नहीं समझेंगे, फिर रिजल्ट नहीं दे पाएंगे.
साभार: आजतक