Shimla. शिमला। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नया सत्र शुरू होने के बाद अब शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की संख्या क्या अनुपात क्या है, यह पता लगाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने सोमवार को तीन आर्डर जारी किए हैं। इसमें प्रदेश के स्कूलों में बच्चों की संख्या शिक्षकों की संख्या के मुकाबले कितनी है, इस बारे में 15 दिनों के भीतर जानकारी मांगी गई है। सबसे पहले स्कूलों में जमा एक और जमा दो कक्षा में सब्जेक्ट वाइज लेक्चरर की संख्या कितनी है, इसके बारे में जानकारी देनी होगी। इसी फॉर्मेट में यह भी बताना होगा कि ऐसे स्कूलों की जानकारी बताएं, जहां पर सब्जेक्ट के हिसाब से स्टाफ सरप्लस है। साथ ही एक अन्य ऑर्डर में क्लास वाइज स्कूलों की एनरोलमेंट कितनी है, इसकी जानकारी 31 जुलाई तक भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं। एक अन्य अधिसूचना में जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूलों का डाटा भी मांगा गया है।
इन स्कूलों को लेकर सरकार की फैसला ले सकती है कि यदि किसी कक्षा में या विषय में छात्रों की सं या ना के बराबर है, तो उसे स्कूल को मर्ज भी किया जा सकता है। जीरो एनरोलमेंट की जानकारी नॉन मेडिकल, कॉमर्स विषय में वेस्ट माध्यमिक स्कूलों से मांगी गई है। गौर रहे कि प्रदेश के बहुत से स्कूल ऐसे हैं, जहां पर छात्रों की संख्या शिक्षकों के मुकाबले या तो कम है या ज्यादा है। ऐसे में ये निर्देश उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए गए हैं। युक्तिकरण के माध्यम से अब बच्चों की संख्या के मुकाबले शिक्षक स्कूलों को उपलब्ध करवाएं जाएंगे। खासकर दुर्गम क्षेत्रों में बच्चों की संख्या ज्यादा है और एक शिक्षक पांच-पांच कक्षाओं को भी पढ़ा रहे हैं। दुर्गम क्षेत्रों में जाने को शिक्षक तैयार नहीं हैं। ऐसे में 15 दिनों के भीतर यह तमाम जानकारी शिक्षा विभाग में उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए हैं।