रेप केस: दोषी और पीड़िता दोनों पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, याचिका पर अदालत ने सुनाया ये फैसला
केरल (Kerala) के कन्नूर (Kannur) में पैरिश चर्च का पचास वर्षीय पादरी फादर रोबिन वडक्कमच्चेरी नाबालिग छात्रा से रेप (Rape) के अपराध की सजा काट रहा है. नाबालिग छात्र रेप के बाद गर्भवती हो गई थी और उसने बच्चे को जन्म दिया था. यहां की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उसे 20 साल कैद की सजा सुनाई. इस कांड के बाद वेटिकन प्रशासन ने रॉबिन को पादरी पद से बर्खास्त कर दिया.
अब इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका पहुंची है. पहले फादर रोबिन ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीड़ित युवती के साथ विवाह करने की गुहार लगाई. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने इस याचिका का जमकर विरोध किया. केरल हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. अब पीड़ित लड़की ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
उधर, रेप के दोषी पचास साल से ज्यादा उम्र का रोबिन भी अपने से आधी से भी कम उम्र की याचिकाकर्ता पीड़िता से विवाह करने की अर्जी लगाई है. पीड़िता ने अपनी अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से साफ कहा कि वह रोबिन के लिए दया करने या सजा कम करने के पक्ष में बिल्कुल नहीं है. वह तो बस इतना चाहती है कि 50 साल से ज्यादा उम्र वाला रोबिन उसके साथ विवाह कर ले ताकि उसके बच्चे को पिता का नाम मिल जाए.
उसने यह भी गुहार लगाई है कि उसका बच्चा अब 4 साल से ज्यादा उम्र का हो गया है. उसका स्कूल में दाखिला होना है लिहाजा रोबिन को समुचित समय के लिए जमानत पर रिहा किया जाए ताकि वह उससे विवाह कर सके. उसके बाद रोबिन बेशक वापस जेल चला जाए. जमानत पर रिहाई से उसके बच्चे को पिता का नाम मिल जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल पीड़ित युवती की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि केरल हाईकोर्ट के फैसले में कोई खामी नजर नहीं आ रही है.
बता दें कि वडक्कमच्चेरी ने 2016 में पैरिश चर्च के सहयोग से चलने वाले स्कूल में पढ़ने वाली 11वीं की छात्रा के साथ कई बार रेप किया. छात्रा गर्भवती हो गई तो फादर मामले को छिपाने में लगा रहा. इसी दौरान इसी चर्च के साथ सहयोग से चलने वाले अस्पताल में नाबालिग लड़की ने 7 फरवरी 2017 में एक बच्चे को जन्म दिया.
बच्चे के जन्म के बाद पादरी रोबिन भारत छोड़कर भागने की फिराक में था. उसने यूरोप जाने के लिए हवाई टिकट भी बनवा लिया था लेकिन खुफिया सूचना के आधार पर 27 फरवरी 2017 को पुलिस ने कोच्चि एयरपोर्ट से फरार होने के ऐन पहले रोबिन को गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने ठीक 2 साल बाद 17 फरवरी 2019 को रॉबिन को नाबालिग से रेप का दोषी मानते हुए पोक्सो एक्ट सहित कई धाराओं में उसे 20 साल कैद की सजा सुनाई.