तमिलनाडु सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv Gandhi Assassination) के सात दोषियों में एक नलिनी (Nalini Sriharan) को एक महीने की पैरोल पर जाने की अनुमति दी है. इस मामले में उसकी बीमार मां ने बार-बार अदालत में आग्रह किया था. विशेष सरकारी अभियोजक हसन मोहम्मद जिन्ना ने मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) को गुरुवार को बताया कि राज्य सरकार ने नलिनी को एक माह का साधारण पैरोल दिया है और अब वह अपनी बीमार मां पद्मा को देखने जा सकेगी. नलिनी इस समय वैल्लोर की विशेष महिला जेल में बंद है.
पद्मा ने अपनी बेटी को पैरोल पर आने की अनुमति के लिए न्यायमूर्ति पी एन प्रकाश और न्यायमूर्ति आर हेमलता की पीठ के समक्ष याचिका दायर की थी. विशेष सरकारी अभियोजक का निवेदन का स्वीकारते हुए पीठ ने पद्मा की याचिका का निपटारा कर दिया. अब नलिनी वैल्लोर के सातुवाचेरी में कड़ी पुलिस अभिरक्षा में अपनी मां के साथ एक किराए के मकान में रहेगी. उनके साथ बहन कल्याणी और भाई बाकियानाथन भी रहेगा. इसी तरह का पैरोल नलिनी को 2019 में भी दिया गया था. तमिलनाडु कैबिनेट (Tamil Nadu Cabinet) ने 2018 में नलिनी और अन्य दोषियों को रिहा किए जाने की अनुशंसा की थी लेकिन राज्यपाल ने इस फाइल को मंजूरी नहीं दी थी. नलिनी और उसके साथियों ने मद्रास हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में आग्रह किया है कि राज्यपाल की मंजूरी के बिना उन्हें रिहा किया जाए. यह याचिका भी अदालत के समक्ष लंबित है.
बता दें राजीव गांधी की 21 मई 1991 को श्रीपेरूम्बुदुर में एक सार्वजनिक सभा के दौरान उस समय हत्या कर दी गई थी जब वह लोगों से मिल रहे थे. इसी दौरान एक महिला ने उनके नजदीक जाकर खुद को विस्फोटक से उड़ा दिया था. इस घटना के तीन हफ्ते बाद से ही नलिनी और उसका पति श्रीहरन जेल में बंद हैं.