राजधानी पुलिस ने किया ब्लैक मार्केटिंग का भंड़ाफोड़, 186 रेमेडीसिविर, 270 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त

बड़ी कार्रवाई

Update: 2021-05-03 16:39 GMT

दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की जैसे-जैसे संख्या बढ़ रही है. उसी तरीके से रेमेडीसिवर, ऑक्सीजन, पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन फ्लो मीटर और दूसरे मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी भी जोर शोर से हो रही है. इस कालाबाजारी को रोकने और फर्जी रेमेडीसिवर इंजेक्शन का भंडाफोड़ करने के लिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) भी लगातार छापेमारी कर रही है. प्रवक्ता के मुताबिक दिल्ली पुलिस की ओर से डीडीएमए वेस्ट जिला, सीडीएमओ तेरापंथ अंसारी अस्पताल, वर्ल्ड ब्रेन सेंटर हॉस्पिटल, आर्या हॉस्पिटल, भगत चंद्र हॉस्पिटल जो कि साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में है, इन सभी को 70 ऑक्सीजन सिलेंडर भी हैंड ओवर किए गए हैं. इसके अलावा जब्त किए गए 140 ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) को भी रिलीज करने की प्रक्रिया जारी है.

इसके अतिरिक्त दिल्ली पुलिस की ओर से 170 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी जब्त किए गए थे. यह सभी नॉर्थ जिला पुलिस की और से बरामद किए गए थे. इन सभी को पुलिस की ओर से AIIMS को 60, CRPF अस्पताल को 40 और कोविड केयर सेंटर्स को रिलीज किया जा चुका है. वहीं, आउटर नॉर्थ जिला द्वारा भी 100 कंसंट्रेटर्स जब किए गए हैं. इन सभी को भी रिलीज करने की प्रक्रिया जारी है. इसके अतिरिक्त 66 ऑक्सीजन फ्लो मीटर, 24 ऑक्सीजन रेगुलेटर और 63 पल्स ऑक्सीमीटर भी जरूरतमंद मरीजों के लिए अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स को रिलीज किए जा चुके हैं. पुलिस की 18 ऑक्सीजन पंप और 22 ऑक्सीजन फ्लोमीटर्स को भी रिलीज करने की प्रक्रिया जारी है.

प्रवक्ता के मुताबिक दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का भी भंडाफोड़ किया है जो कि बड़ी संख्या में बड़ी मात्रा में फेक रेमेडीसिवर इंजेक्शन का उत्पाद करके उसको मार्केट में सप्लाई करता था. इस गिरोह के पास से दिल्ली पुलिस की टीम ने 190 फेक रेमेडीसिवर इंजेक्शन बरामद किए हैं. पुलिस की कई टीमों ने 190 Fake रेमेडीसिवर इंजेक्शन बरामद किए हैं. बताया जाता है कि इन फेक रेमेडीसिवर इंजेक्शन का उत्पाद उत्तराखंड (Uttarakhand) के ‍कोटवाड़ा की एक यूनिट में किया जाता था.

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने फिलहाल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से अब तक 2,000 से ज्यादा रेमेडीसिवर इंजेक्शन को मार्केट में सप्लाई किया जा चुका है. पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है.

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