रेलवे की पानी बचाने की मुहिम: हवा से बनेगा पानी, जानिए पूरी डिटेल

Update: 2022-09-01 08:27 GMT
 न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: इस धरती पर जीवित रहने के लिए कुछ प्राकृतिक चीजों की ज़रूरत होती है, जिसमें हवा और पानी सब से महत्वपूर्ण है. ऐसे में पानी मनुष्य के जीवन में कितना महत्वपूर्ण है. इसका अंदाज़ा सबको है मगर तब भी हर रोज कई लोग पानी की बर्बादी करते मिल जाएंगे. वहीं पिछले कुछ समय से मुंबई में भी पानी की भारी कमी सामने आई है. मुंबई में इस वजह से लोगों को पानी में कटौती का सामना भी करना पड़ रहा है. ऐसे में पीने का पानी भी समस्या है. इस समस्या को सुलझाने के लिए अलग-अलग तरीक़े भी अपनाए जा रहे हैं. पानी की कमी को ध्यान में रखते हुए अब मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और सेंटर रेलवे के 5 और रेलवे स्टेशनों पर पानी अलग तकनीक से उप्लब्ध कराने की तैयारी है. इस तकनीक से हवा की मदद से पानी को पैदा किया जा सकता है.
मुंबई के सेंट्रल रेलवे के रेलवे स्टेशनों पर कुछ ही समय बाद हवा की मदद पानी को पैदा करने वाली मशीन को लगाया जाएगा. इस यंत्र को मेघदूत नाम दिया गया है और जल्द ही इस यंत्र की मदद से पानी को हवा से पैदा किया जाएगा. रेल यात्री इस अनोखे यंत्र से पीने के पानी का लाभ उठा पाएंगे. मेघदूत एक ऐसा यंत्र है जो संक्षेपण (Condensastion)के विज्ञान का उपयोग करके परिवेशी वायु (Ambient Air) से पानी निकालता है. इस यंत्र को AWG भी कहा जाता है. बता दें, इस यंत्र को संयुक्त राष्ट्र की भी मान्यता प्राप्त है.
इस अनोखे यंत्र को मैत्री एक्वाटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाया गया है और मध्य रेलवे द्वारा मुंबई मंडल में ऐसे 17 मेघदूत AWG को लगाया जाना है. यह यंत्र मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और दादर में लगाए जाएंगे. साथ ही , ठाणे में भी 4 यंत्र लगाए जाएंगे. कुर्ला, घाटकोपर और विक्रोली में एक-एक यंत्र लगाने का रेलवे का प्लान है.
यह यंत्र हवा से साफ पानी बनाने में अनोखी तकनीक का उपयोग करता है. ये टेक्नोलॉजी विभिन्न प्रकार के पर्यावरण तापमान (18 डिग्री सेल्सियस - 45 डिग्री सेल्सियस) और सापेक्ष आर्द्रता (Relative Humidity) की स्थिति (25 प्रतिशत से 100 प्रतिशत) में काम करती है. डिवाइस चालू होते ही कुछ घंटों के अंदर ही मशीन से पानी आना शुरू हो जाता है और एक दिन में 1000 लीटर पानी का उत्पादन होता है.
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