रेलवे वंदे मेट्रो ट्रेनों की कर रही मैन्युफैक्चरिंग, अगले साल होगी शुरुआत
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नई दिल्ली: भारतीय रेलवे वंदे भारत ट्रेन के बाद अब वंदे मेट्रो ट्रेन लेकर आने वाली है. केंद्रीय रेल और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके बारे में बताया है. उन्होंने बताया है कि रेलवे वंदे मेट्रो ट्रेनों की मैन्युफैक्चरिंग कर रही है, जो 1950 औक 1960 के दशक में डिजाइन की गई पुरानी ट्रेनों की जगह लेगी. मंत्री ने बताया कि ये वंदे मेट्रो ट्रेनें पूरे देश में बड़ी संख्या में मैन्युफैक्चर की जाएंगी. इन्हें 1950 और 1960 के डिजाइन वाली ट्रेनों की जगह इस्तेमाल किया जाएगा.
देश में ही किया जाएगा डिजाइन
इन वंदे मेट्रो ट्रेनों को भारत में डिजाइन और विकसित किया जाएगा. इनकी शुरुआत साल 2023 में की जाएगी. मंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि नई ट्रेनों से आबादी के मध्य और निचले स्तर के वर्ग को फायदा मिलेगा. क्योंकि ऊंचे वर्ग के लोग वंदे मेट्रो ट्रेन का केंद्र नहीं हैं. रेल मंत्री ने आगे कहा कि अमीर लोग खुद की देखभाल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आबादी के निचले और मध्य आय वाले वर्ग पर फोकस करते हैं, जो ज्यादा खर्च नहीं कर सकते हैं.
वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री हर भारतीय के जीवन में बड़ा बदलाव लाना चाहते हैं. वैष्णव ने जिक्र किया है कि वंदे मेट्रो को वंदे भारत ट्रेनों की तरह भारतीय इंजीनियर डिजाइन करेंगे. ट्रेन का डिजाइन मई-जून 2023 तक पूरा किया जाएगा. और पहली पूरी तरह विकसित और डिजाइन हाइड्रोजन ट्रेन की साल 2023 तक शुरुआत की जाएगी.
रेल मंत्री ने बताया बहुत बड़ा कदम
रिपोर्ट के मुताबिक, वैष्णव का कहना है कि हम डिजाइन तैयार कर रहे हैं और यह कुछ मई या जून तक आ जाएगा. उन्होंने कहा है कि हम वर्ल्ड क्लास वंदे मेट्रो ट्रेनों को डिजाइन कर रहे हैं, जो एक बहुत बड़ा कदम होगा.
वैष्णव ने रेलवे के निजीकरण से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि रेलवे एक रणनीतिक सेक्टर है और यह सरकार के पास ही बना रहेगा. पिछले हफ्ते, रेल मंत्रालय ने पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के जरिए रेलवे स्टेशनों के मॉनेटाइजेशन के प्रस्ताव को खत्म कर दिया था. आपको बता दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कुछ दिन पहले टीवी9 से बातचीत में पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहना की थी.