ममता बनर्जी के बयान पर रेल मंत्री ने दी सफाई, देखें VIDEO...

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Update: 2023-06-03 15:06 GMT
नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मरने वालों की संख्या पर असहमत दिखे।
ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद सियासत भी गरमा गई है. शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचीं. उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. ममता ने सबसे पहले बचाव कार्य के बारे में जानकारी ली. उसके बाद हादसे को लेकर बड़ी आशंका जताई. ममता ने 500 से ज्यादा मौतें होने की आशंका जताई. हालांकि, ममता के दावे पर तुरंत रेल मंत्री वैष्णव ने आपत्ति जताई और कहा, आधिकारिक आंकड़ा सामने है. मरने वालों की संख्या 238 की पुष्टि हुई है. देर शाम तक मरने वालों की संख्या 288 तक पहुंच गई है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे के बाद बचाव कार्य की जानकारी लेने के लिए मौके पर पहुंची थीं. दो बार रेल मंत्री रहीं ममता बनर्जी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. ममता ने कहा, यह इस सदी की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना है और इसकी उचित जांच होनी चाहिए. इसके पीछे साजिश की आशंका है. सच्चाई सामने आनी चाहिए.
ममता ने सवाल किया, टक्कर-रोधी सिस्टम काम क्यों नहीं करता है? उन्होंने कहा, कोरोमंडल एक्सप्रेस में टक्कर रोकने वाले सिस्टम नहीं लगा था. जब मैं रेल मंत्री थी, तब मैंने ट्रेनों में एक टक्कर रोधी सिस्टम लगाने की कवायद की थी. इस सिस्टम की वजह से एक ही ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनें एक निश्चित दूरी पर रुक जाती थीं. अब, जब आप यहां हैं (अश्विनी वैष्णव की ओर मुड़ती हैं) तो मैं यह बताना चाहती हूं कि इस ट्रेन में कोई सिस्टम नहीं लगा था. इस तरह की तकनीक के कार्यान्वयन से इस घटना को टाला जा सकता था.
ममता ने कहा, यह राजनीति करने का समय नहीं है. मैं यहां रेल मंत्री और सरकार के साथ खड़ी हूं. एक अच्छी जांच होनी चाहिए. इतने लोग कैसे मरे. सुना है 500 मरे हैं. हालांकि रेल मंत्री वैष्णव ने तुरंत आपत्ति जताई और कहा- अभी तक 238 लोगों की मौत की आधिकारिक रूप से पुष्टि हुई है.
ममता ने कहा, अब रेल बजट नहीं आता है. रेलवे मेरे बच्चे की तरह है. मैं रेल परिवार की सदस्य हूं. मैं अपने सुझाव देने को तैयार हूं. अगर गंभीर घायलों का यहां इलाज नहीं हो पाता है तो मैं उन्हें कोलकाता ले जाने के लिए तैयार हूं.
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