ऑक्सीजन को लेकर केंद्र के बयान पर भड़के राहुल गांधी, कहा- 'सिर्फ ऑक्सीजन ही नहीं संवेदनशीलता और सत्य की भारी कमी है'

आपने और हम सबने तीन महीने पहले वो दौर देखा है, जब लोग ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे.

Update: 2021-07-21 18:04 GMT

आपने और हम सबने तीन महीने पहले वो दौर देखा है, जब लोग ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे. ऑक्सीजन ना मिलने से लोग दम तोड़ रहे थे लेकिन अब सरकारों का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से कहीं कोई मौत नहीं हुई, तो फिर वो लोग कौन थे, जिनकी सांसें ऑक्सीजन नहीं मिलने से उखड़ गईं. क्या उन लोगों के आंसू झूठे थे, जिन्होंने अपने लोगों को तिल-तिलकर मरते देखा, लेकिन ऐसे लोग एक तरफ हैं और केंद्र से लेकर राज्यों की सरकारें दूसरी तरफ. फिर चाहें वो बीजेपी शासित राज्य हों या फिर कांग्रेस शासित. एक-दूसरे को कोसने वाले इस मुद्दे पर एक साथ है. मान रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी से कोई नहीं मरा है.

मुश्किल से 3 महीने गुजरे हैं कोई भी शहर हो, कोई भी अस्पताल हो, मातम, मजबूरी और आक्रोश का ऐसा ही मंजर आम था, लेकिन सरकार कहती है ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत रिपोर्ट नहीं हुई तो फिर सवाल उठ रहा है कि क्या दूसरी लहर में देश ने जो देखा और जो सहा, वो सब झूठा था? सांसों का ये आपातकाल पूरे देश ने देखा है. भोगा है लेकिन इन तस्वीरों का मिलान सरकार के बयान से करेंगे, तो ये सब झूठा है.
सरकार के मुताबिक देश में ऑक्सीजन की कमी की वजह से कोई मौत रिपोर्ट ही नहीं हुई है. संसद में सरकार से ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों को लेकर सवाल किया गया था. इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जवाब देते हुए बताया गया कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत की जानकारी राज्यों की तरफ से नहीं दी गई.
कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने किया तीखा प्रहार
सरकार का ये जवाब आते ही सियासत शुरू हो गई. सबसे तीखा प्रहार कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने किया. राहुल ने ट्वीट किया- सिर्फ ऑक्सीजन की ही कमी नहीं थी, संवेदनशीलता और सत्य की भारी कमी है, तब भी थी, आज भी है. पूरा विपक्ष अब सरकार को घेर रहा है, विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की तैयारी में है, तो बीजेपी भी कम हमलावर नहीं है. उसका कहना है कि राज्यों की रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र ने रिपोर्ट दी, तो राज्य बताएं कि उन्होंने सच क्यों छुपाया.
ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं क्या सच, क्या झूठ? केंद्र सरकार का साफ-साफ कहना है कि स्वास्थ्य राज्यों का विषय है वो सिर्फ राज्यों से मिलने वाले डेटा को इकट्ठा करती है और जब राज्यों ने ऑक्सीजन से कमी से मौत रिपोर्ट ही नहीं कीं, तो उनकी जानकारी कैसे होगी.
ऑक्सीजन की कमी से मौत की बात को नकारा
चाहें बीजेपी हो या कांग्रेस हर कोई सिरे से ऑक्सीजन की कमी से मौत की बात को नकार रहा है, लेकिन यही लोग 2-3 महीने पहले तक ऑक्सीजन की कमी का रोना रो रहे थे. मजबूरी जता रहे थे. दरअसल, ये उस सियासत का सच है, जो ऑक्सीजन को लेकर हो रही है लेकिन सच ये भी है कि मातम और मजबूरी की ये तस्वीरें असली हैं. ये आंसू ये गम असली है. ऐसे में सरकारों का ये कहना कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है हैरान करने वाला है.
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