Patlikuhal. पतलीकूहल। अंतरराष्ट्रीय रौरिक मेमोरियल ट्रस्ट नग्गर मे अंतरराष्ट्रीय स्तर के चित्रकार घनश्याम कश्यप की चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन भगवान राधे कृष्ण द्वारा किया गया, जिसमें राधाकृष्ण की मूर्ति को लाया गया और उन्हें हाथ में रख कर चित्रकारों की कला का विधिवत श्रीगणेश किया गया। यह पहला अवसर था जब भगवान की मूर्ति द्वारा इस तरह से चित्रकार की कला का उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन समारोह पर लारिसा सुरगिना, रशियन क्यूरेटर व भारतीय क्यूरेटर सुरेश कुमार नड्डा मुख्य रूप से मौजूद रहे। घनश्याम कश्यप फ्रीलांस चित्रकार हैं। उनका जन्म स्थान शिमला है और वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं। वे लगभग 35 साल से चित्रकारी का काम कर रहे हैं। चित्रकार ने एकरलिक रंगों का प्रयोग कर कैनवास, स्टोन और सीमेंट के ऊपर चित्र बनाएं हैं। चित्रकार ने हिमाचल प्रदेश के रामपुर के भीमाकाली मंदिर का मनमोहक चित्र बनाया है। चित्रकार ने वाराणसी के घाट, राजस्थान के मनमोहक किले और कलकता का बहुत ही मनमोहक चित्र बनाया है। आज के समय में प्रत्येक आदमी पैसा कमाने की जदोजहद में लगा है।
चित्रकार ने दो चित्रों द्वारा इसे प्रस्तुत किया है। चित्रकार घनश्याम कश्यप ने पेरिस, कुवैत, सिंगापुर, बास्टन इत्यादि देशों में सोलो शो किया है। रौरिक आर्ट गैलरी में उन्होंने असंख्य प्रदर्शनियां लगाई हैं। चित्रकार ने स्टोन पर असंख्य चित्र बनाए हैं। आज के समय में इन्होंने सीमेंट के विभिन्न आकार के बर्तन बनाए हैं और उन्हें अकरैलिक रंगों से सजाया है। यह एक अद्भुत कला है। कलाकार द्वारा बनाए गए चित्रों को देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटकों की भीड़ लग रही है। रौरिक कला दीर्घा में आजकल सैलानियों की भारी भीड़ है, जिससे यहां आने वाले कला प्रेमियों को भगवान राधाकृष्ण के कर कमलों से किए गे उदघाटन का अवसर बेहद निराला व दिल को छूने वाला लगा। चित्रकार ने अपनी कला में अध्यात्म के क्षेत्र में गणेश, वर्तन, फल, सब्जियों इत्यादि के भी चित्र बनाकर दिखाए हैं। इस प्रदर्शनी को लगाने के लिए समय देने के लिए चित्रकार घनश्याम कश्यप ने जिलाधीश कुल्लू एवं निदेशक अंतरराष्ट्रीय रौरिक मेमोरियल ट्रस्ट नग्गर तोरुल एस रवीस एवं ट्रस्ट प्रबंधन का धन्यवाद किया है। इस दौरान रशियन क्यूरेटर दमित्री सुरगिन, रशियन ओलगा, चित्रकार रेनू कश्यप, सोनिया कश्यप, शिवानी कश्यप, अमरजीत, झाबे राम, खेम करण, पिंगला देवी इत्यादि मौजूद थे। इस प्रदर्शनी में लगभग 45 चित्र और असंख्य छोटे चित्र प्रदर्शनी पर हैं। यह प्रदर्शनी 16 जून 2024 तक प्रदर्शन में रहेगी।