भोपाल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में सरकारी स्तर पर रबी फसलों की खरीदी का सिलसिला शनिवार 25 मार्च से शुरू होने जा रहा है। यह क्रम 31 मई तक चलेगा। इस खरीदी की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। खरीदी केंद्र ग्राम पंचायतों को ध्यान में रखकर 25 किलो मीटर के दायरे में बनाए गए हैं। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि रबी वर्ष 2022-23 (विपणन वर्ष 2023-24) की उपज चना, मसूर, राई एवं सरसों का समर्थन मूल्य पर उपार्जन 25 मार्च से 31 मई तक किया जाएगा। चने का उपार्जन पूरे प्रदेश में होगा, मसूर का 37 जिलों और राई एवं सरसों का उपार्जन 40 जिलों में केन्द्र शासन द्वारा निर्धारित (एफएक्यू) मापदंड संबंधी निदेशरें का पालन करते हुए राज्य उपार्जन एजेंसी द्वारा किया जाएगा। उपार्जन कार्य सप्ताह में 5 कार्य दिवसों (सोमवार से शुक्रवार) में होगा।
बताया गया है कि अपरिहार्य कारणों से सोमवार से शुक्रवार तक तौल नहीं होने की दशा में शनिवार को समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जायेगा। ऑफलाइन मोड में उपार्जन बिलकुल भी नहीं होगा। गेहूं के समान चना, मसूर एवं सरसों में भी इस वर्ष स्लॉट बुकिंग की व्यवस्था रहेगी।
उपार्जन केंद्र 25 किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्राम पंचायतों के केंद्र को दृष्टिगत रखते हुए बनाये गये हैं। उपार्जन केन्द्र को पंचायत से टैग करने और एक केन्द्र पर कृषकों की संख्या 200 से 1000 तक रखने के निर्देश दिये गये हैं। जिले की प्रत्येक तहसील में कम से कम एक उपार्जन केन्द्र बनाया जा रहा है।
जिला उपार्जन समिति, उर्पाजन केन्द्र की कृषक संख्या के साथ उपार्जित की जाने वाली अनुमानित मात्रा में 50 प्रतिशत तक कमी अथवा वृद्धि कर सकेगी। ग्राम क्षेत्र की पूर्ण कृषक संख्या को ²ष्टिगत रखते हुए सामान्यत: उपार्जन केन्द्र पर तीन हजार से पांच हजार मीट्रिक टन मात्रा का उपार्जन किया जायेगा।