बार एसोसिएशन पांवटा के चुनाव पर उठाए सवाल

Update: 2024-05-19 12:25 GMT
पांवटा साहिब। पांवटा साहिब में बार एसोसिएशन द्वारा बिना चुनाव करवाए अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया को लेकर बार एसोसिएशन के 35 से अधिक सदस्यों ने इसकी निंदा कर इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है। बार एसोसिएशन के लगभग 40 सदस्यों ने एक प्रेस वार्ता कर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बार एसोसिएशन पांवटा साहिब के सदस्य उस तरीके की निंदा करते हैं जिसमें निवर्तमान अध्यक्ष द्वारा नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए पूरी चुनाव प्रक्रिया को बाधित किया गया है। इस दौरान सदस्य नरेश तोमर, आरएस नेगी, अनिल ठाकुर, दिनेश, एआर शर्मा, शीशपाल आदि ने पत्रकारों को बताया कि बार एसोसिएशन पांवटा साहिब के अध्यक्ष पद के चुनाव में कुछ धांधली हुई है। गैर कानूनी ढंग से अध्यक्ष चुना गया है जिसको लेकर बार एसोसिएशन के कुछ सदस्य इस मुद्दे पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं। जिसमें निवर्तमान अध्यक्ष ने कथित सर्वसम्मति प्रस्ताव के आधार पर अत्याधिक अलोकतांत्रिक तरीके से खुद को बार एसोसिएशन पांवटा साहिब का नया अध्यक्ष घोषित किया है।

सदस्यों का कहना है कि यह लोकतंत्र व संविधान के खिलाफ है। उनका कहना है कि जब चुनाव लडऩे के लिए और उम्मीदवार अपना नाम दे रहे हैं तो कोई खुद को बार एसोसिएशन पांवटा साहिब का नया अध्यक्ष घोषित कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह जिला बार काउंसिल व बार काउंसिल इंडिया में शिकायत करेंगे। सदस्यों ने कहा कि बार एसोसिएशन द्वारा बुलाई गई बैठक के दौरान बार एसोसिएशन पांवटा साहिब के निवर्तमान निकाय द्वारा एक प्रस्तावक द्वारा समर्थित नरेश कुमार चौहान एडवोकेट को अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया गया था, लेकिन चुनाव ट्रिब्यूनल का गठन करने के बजाय प्रक्रिया को हैक कर लिया गया। निवर्तमान अध्यक्ष के समर्थकों द्वारा उन्हें अवैध तरीके से बार एसोसिएशन का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया जो किसी भी लोकतांत्रिक संघ के लिए अज्ञात है। इसलिए हम बार एसोसिएशन पांवटा साहिब के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए गुंडागर्दी और आचरण की निंदा करते हैं। इस दौरान सभी सदस्यों ने कहा कि वह पूरे साल इस अध्यक्ष को नहीं मानेंगे व इस बारे में अपना विरोध जारी रखेंगे। इस अवसर पर एडवोकेट दिनेश तोमर, प्रदीप सैणी, नितिन शर्मा, संदीप, सतपाल, दिनेश कुमार, विशंत, अभिषेक, अमरीक सिंह, अनिल ठाकुर, सीएल कालरा सहित 35 से अधिक वकीलों ने इस चुनाव की निंदा की है।
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