शिमला। पीब्डल्यूडी सेब बहुल इलाकों में सडक़ बहाल करने के मामले में 100 फीसदी के करीब पहुंच गया है। सेब सीजन के बीच में बड़ी राहत उन बागबानों को मिली है, जिन्हें मंडी तक सेब पहुंचाने में ट्रकों की जगह छोटे वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ रहा था। इसके अलावा इन बागबानों को पैदल भी सेब की पेटियां क्षतिग्रस्त सडक़ से पार करवानी पड़ रही थी। बीते 20 दिनों में एक हजार से ज्यादा सडक़ों पर दोबारा से आवाजाही शुरू कर दी है। सबसे बड़ी राहत शिमला जोन को मिली है। यहां 20 दिन में 346 सडक़ों को दोबारा यातायात से जोड़ा गया है। अब शिमला में महज 23 सडक़ें ठप हैं और इन्हें बहाल करने को पीडब्ल्यूडी ने 15 सितंबर तक की डेडलाइन तय की है। गौरतलब है कि 14 अगस्त तक बारिश के असर से प्रदेश में 1200 सडक़ें ठप हुई थी। इनमें से विभाग ने अब तक 1072 सडक़ों को बहाल किया है। जोन के आधार पर नजर डालें तो शिमला में 340, हमीरपुर में 306, मंडी और कुल्लू में 262, कांगड़ा में 150 सडक़ें बहाल की गई हैं। प्रदेश में इस समय 128 सडक़ें बंद हैं और इन सडक़ों को विभाग 15 सितंबर के तय लक्ष्य के अनुरूप बहाल करने का काम कर रहा है। खास बात यह है कि बीते करीब एक सप्ताह से प्रदेश भर में पीडब्ल्यूडी को कोई बड़ा झटका नहीं लगा है और विभाग अब जिन सडक़ों को बहाल कर रहा है उन्हें बड़े वाहनों को चलाने लायक बनाया जा रहा है।
प्रदेश भर की बात करें तो अब सबसे कम 23 सडक़ें शिमला जोन में ठप बची है। इनमें से रोहडू सर्किल में तीन, रामपुर में छह, शिमला में छह, सोलन में सात और नाहन सर्किल में एक सडक़ ठप है। हमीरपुर में बंद 25 में से धर्मपुर में 22, हमीरपुर में दो और बिलासपुर में एक सडक़ बंद है। धर्मपुर में सडक़ बहाल करने में पीडब्ल्यूडी ने करीब 50 जेसीबी तैनात कर दी है और यहां 44 जेसीबी निजी ठेकेदारों की लगाई गई है। कांगड़ा जोन में 32 सडक़ें बहाल नहीं हो पाई है। इनमें डलहौजी में 18, पालमपुर में 13 और एक सडक़ नूरपुर में बंद है। मंडी जोन में 47 सडक़ें ठप है। यहां विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू में उठाना पड़ा है। कुल्लू में अभी भी 29 सडक़ें नहीं खुल पाई है। मंडी में 15 और जोगिंद्रनगर में तीन सडक़ें बाधित है। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि सडक़ों को बहाल करने में विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है। बीते करीब एक सप्ताह से मौसम ज्यादा खराब नहीं हुआ है। इसे देखते हुए तेजी से काम को आगे बढ़ाया जा रहा है। 15 सितंबर तक प्रदेश भर में सभी सडक़ों को बहाल करने का लक्ष्य तय किया है। इसे देखते हुए विभागीय अधिकारी मैदान में डटे हुए हैं। विभाग को अभी तक बरसात से करीब 2941 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। इनमें से 2823 करोड़ का नुकसान सडक़ों की वजह से जबकि करीब 118 करोड़ रुपए का नुकसान पुलों के क्षतिग्रस्त होने की वजह से हुआ है। पीडब्ल्यूडी ने इस नुकसान की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है और केंद्र सरकार से भी सेतू भारतम योजना के तहत मदद का आह्वान किया है।