कांग्रेस नेताओं में तकरार: धरना स्थल पर पायलट जिंदाबाद के नारे लगाने पर भड़के सीएम अशोक गहलोत...
राजस्थान में कांग्रेस के अंदर चल रहे अंदरूनी मतभेद के बीच रविवार को बहुत कुछ बदला दिखा. कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस के धरने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट सार्वजनिक तौर पर एक साथ नजर आए. दोनों नेताओं ने एक दूसरे का अभिवादन किया और रस्म अदायगी वाली बातचीत भी हुई. देर शाम सचिन पायलट मुख्यमंत्री निवास में अशोक गहलोत के तरफ से विधायकों को दिए गए भोज में शामिल हुए. मुख्यमंत्री निवास पर विधायक दल की बैठक हो रही है.
दोनों नेताओं ने अपने संबोधन में आज पूरा हमला केंद्र की मोदी सरकार और संघ पर किया. सचिन पायलट ने अपने भाषण के आखिर में कहा कि पुरानी बातों को भूल जाएं और नई शुरुआत करिए. लंबे वक्त के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक साथ मंच पर दिखाई दिए. धरना स्थल पर बार-बार सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे गूंज रहे थे जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ठीक नहीं लगे और उन्होंने इसका गुस्सा मीडिया पर उतारा.
धरना स्थल पर पहले सचिन पायलट पहुंचे थे. पायलट को उसी पंक्ति में स्थान दिया गया जिस पंक्ति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को बिठाया गया. सचिन पायलट ने देर तक कृषि मंत्री लालचंद कटारिया से बात की, लेकिन पुराने साथी रहे प्रताप सिंह खाचरियावास से केवल अभिवादन ही हुआ. गहलोत और पायलट दोनों की बैठने की जगह भी अगल-बगल ही थी, लेकिन करीब डेढ़ घंटे का वक्त एक-दूसरे के साथ बिताने के बावजूद दोनों नेताओं में कोई बातचीत नहीं हुई. गोविंद सिंह डोटासरा ने दोनों नेताओं की चुप्पी तोड़ने की कोशिश की. डोटासरा ने दोनों नेताओं के हाथ सैनिटाइजर से धुलवाए, लेकिन संवाद के गतिरोध तोड़ने में वे कामयाब नहीं हो पाए.
मंच से अपने संबोधन में सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का धरना स्थल पर आमंत्रित करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा किसानों के आंदोलन के जरिए ही सही कांग्रेस पुरानी बातें भूल कर एकजुटता दिखाए. कांग्रेस के सियासी घमासान में प्रताप सिंह के निक्कर वाले बयान के ठीक उलट सचिन पायलट ने नागपुर की निक्कर पर हमला बोला. पायलट ने कहा केवल लिखकर-पहनकर राष्ट्रवाद या देशभक्ति साबित नहीं की जा सकती.
मोदी-शाह पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करीब 22 मिनट के भाषण में राजस्थान में कांग्रेस के घमासान पर एक शब्द भी नहीं कहा. उनका पूरा निशाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर रहा. उनके भाषण में केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को गिराने की साजिश रचने के आरोप में भी महाराष्ट्र का उदाहरण ही नजर आया.