अपार्टमेंट परिसर में नाइटी और लुंगी पहनकर घूमने पर रोक, नोटिस के बाद छिड़ी बहस
नोटिस में लिखा कि "सोसाइटी परिसर में घूमते समय पहनावे का ख्याल रखें।
ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा की एक रेसिडेंशियल सोसाइटी ने अपने परिसर के अंदर ड्रेस कोड लागू किया है। हिमसागर अपार्टमेंट परिसर में नाइटी और लुंगी पहनकर घूमने पर रोक लगाने के लिए नोटिस लगाया गया है। सोसाइटी के रेजीडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के सचिव ने नोटिस भी जारी किया है। नोटिस में लिखा कि "सोसाइटी परिसर में घूमते समय पहनावे का ख्याल रखें। दूसरे लोगों को असहज महसूस न हो और कोई आपके ऊपर सवाल खड़े न करे, ऐसे कपड़े ही पहनें।" सोसाइटी में रहने महिलाओं ने शिकायत की थी कि "जब वे सुबह के समय पार्क में घूमने जाती हैं तो कुछ लोग वहां पर लुंगी पहने हुए योग करते हैं। इस वजह से हम महिलाओं को शर्मिदगी महसूस होती है। ड्रेस कोड लागू होने के बाद अब कम से कम लोग ऐसे खुले कपड़े पहनकर बाहर तो नहीं निकलेंगे।"
हालांकि, नोटिस जारी होने के बाद सोसाइटी के लोगों में बहस छिड़ गई। कई लोगों ने कहा कि किसी के पहनावे को लेकर टिप्पणी करना उचित नहीं है, तो किसी ने कहा कि पहनावा सबका अलग-अलग ही होता है, इससे किसी को भी खराब नहीं लगना चाहिए। ये ड्रेस कोड ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पी-4 की सहकारी आवास समिति ने लागू किया है। इसे हिमसागर अपार्टमेंट भी कहते हैं।
हिमसागर अपार्टमेंट के सचिव हरि प्रकाश की ओर से जारी नोटिस में लिखा है, "सभी निवासी यहां के सदस्य हैं। आप सभी से अपेक्षा की जाती है कि जब कभी सोसाइटी में विचरण करें तो अपने आचरण और पहनावे पर विशेष ध्यान रखें। अपने व्यवहार से किसी को आपत्ति करने का मौका न दें। आपके बालक और बालिका भी आपसे सीखते हैं। अत: सभी से अनुरोध है कि पुरुष लुंगी और महिलाएं नाइटी पहनकर घर से न निकलें, क्योंकि ये घर के अंदर का पहनावा है। लिहाजा, लुंगी और नाइटी पहनकर सोसाइटी में विचरण न करें।"
हिमसागर अपार्टमेंट के रहने वाले कुछ लोगों ने इस फैसले का समर्थन किया है तो वहीं कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया है। कुछ लोगों के मुताबिक, परिवार के साथ पार्क आदि जगहों पर जाने में असहजता महसूस होती है। कुछ लोग लुंगी में ही योग करते हुए नजर आते हैं, जो देखना महिलाओं के लिए सहज नहीं होता। महिला और पुरुष, दोनों को घर के अंदर और बाहर अपने पहनावे पर ध्यान देना चाहिए। आरडब्ल्यूए के मुताबिक, उसने किसी पर फैसला थोपा नहीं है, बल्कि उसने सोसाइटी के लोगों से आग्रह किया है।