पैराग्लाइडिंग की बारीकियां सीख रहे हिमाचल के प्रोफेशनल गाइड

Update: 2024-04-23 10:57 GMT
कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के पैराग्लाइडिंग पायलट पैराग्लाइडिंग की आधुनिक तकनीक को सीख रहे हैं। हादसों के दौरान किस तरह से पर्यटकों को बचाया जा सकता है, इस पर विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रदेश सरकार और अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान मनाली-कुल्लू द्वारा यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला कांगड़ा में धमेठा के पास महाराणा प्रताप सागर झील पौंग बांध में यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। झील के ऊपर कैसे पैराग्लाइडिंग करवाई जा सकती है। आपात स्थिति से कैसे बचाव कर सकते हैं और कैसे पर्यटकों को सुरक्षित बचाया जा सकता है, इसकी तमाम बारीकियां अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान मनाली कुल्लू से एक्सपर्ट सीखा रहे हैं। प्रफोशन पैराग्लाइडिं पायलटों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एसआईकोर्स इंचार्ज गिमनर सिंह ने कहा कि धमेठा में यह प्रशिक्षण पैराग्लाइडिंग पायलटों को दिया जा रहा है।

इसमें चंबा, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा जिलों के 147 प्रशिक्षित पायलट भाग ले रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान मनाली-कुल्लू द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सोमवार को शुरू हुआ और 23 अप्रैल तक चलेगा। इसमें पानी के ऊपर कैसे पैराग्लाइडिंग करवाई जा सकती है। इसकी जानकारी दी जा रही है। जिसमें बचाव तकनीक, रिजर्व पैराशूट परिनियोजन उड़ानें, आपातकालीन सुरक्षा लाइनें पैंतरेबाजी, बी लाइन स्टॉल ड्रिल, एक सममित पतन अभ्यास, पारग्लाइडर स्टॉल पॉइंट ढूूंढना, पूर्ण स्टाल अभ्यास, फ्रंट कोलैप्स रिकवरी एक्सरसाइज, अभ्यास पर विंग, बड़े कान युक्ति, यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पैराग्लाइडिंग पायलटों को अभ्यास प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि पोंग झील कांगड़ा जिला इस तरह के अभ्यास के लिए आदर्श रूप से उपयुक्त है और यह काउंटी में सिव कोर्स आयोजित करने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। इस तरह के पाठ्यक्रम आमतौर पर रणजीत सागर बांध जम्मू जिले में आयोजित किए जाते हैं, लेकिन भौगोलिक दृष्टि से और मौसम की स्थिति के अनुसार पोंग है।
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