प्रियंका की बेटे रेहान ने कहा- 'स्टूडियो खोला और अब तमन्ना मानव जीवन के पहलुओं को करने से कैमरे में उतारने की'

फोटोग्राफी मेरा जुनून है और फुटबाल खेलना पसंद हैं।

Update: 2021-07-17 17:08 GMT

फोटोग्राफी मेरा जुनून है और फुटबाल खेलना पसंद हैं। यह दोनों शौक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बेटे रेहान राजीव वाड्रा के हैं। रेहान के चेहरे पर उनकी मासूमियत में रची-बसी गंभीरता और दार्शनिक अंदाज देखते बनता है। रेहान से मिलने के बाद नजरें जब चेहरे से उनके द्वारा रणथंभौर नेशनल पार्क में खींची तस्वीरों पर ले जाइए तो एक अलग तरह के रेहान दिखाई देते हैं। यह सब आपको बीकानेर हाऊस में 'डार्क परसेप्शन' के बैनर तले लगी प्रदर्शनी में दिखाई देगा। इसमें प्रियंका गांधी वाड्रा के शिमला वाले घर के छत की भी एक तस्वीर है। जहां बर्फ से ढकी छत, एक प्लैटफार्म और बादलों की छटा में उनका कैमरा मानो प्रकृति से बातें कर रहा हो।

रेहान की तस्वीरों के कई रंग हैं। कई अंदाज से हैं। लंदन की तस्वीरें हैं तो बीच पर समुद्र की लहरों को भी अच्छे अंदाज में कैच किया है। अमर उजाला से बातचीत में रेहान बताते हैं कि रणथंभौर की तस्वीरें तो कैमरे से ली गई हैं, लेकिन इस प्रदर्शनी में लगी अधिकांश तस्वीरें उनके मोबाइल फोन की हैं। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी उन्हें अच्छी लगती है। आगे इच्छा भी फोटोग्राफी में कैरियर बनाने की है। इसी इरादे से उन्होंने दो साल पहले एक स्टूडियो भी खोल लिया है।
दस साल पहले रणथंभौर से फोटोग्राफी ने आकर्षित करना शुरू किया
2010-11 में रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान गए। तब रेहान वाड्रा कक्षा छह के विद्यार्थी थे। कुछ तस्वीरें लीं। इनमें टाइगर की भी तस्वीर थी और यहां के बाद उन्हें फोटोग्राफी अच्छी लगने लगी। फिलहाल अब वह लंदन में पढ़ाई कर रहे हैं। उम्र का 20वां बसंत पार कर रहे रेहान का कहना है कि पहले जहां उन्हें टाइगर को देखना अच्छा लगता है, वहीं अब कैमरे से उसकी आंखों और मन में झांकना अच्छा लगता है। उन्हें यह दुनिया बहुत खूबसूरत लगती है और वह इसे अपने तरीके से कैमरे में उतारना चाहते हैं।
रेहान की प्रदर्शनी में प्रवेश करने से पहले घना अंधेरा मिलता है। उनकी फोटोग्राफी की रोशनी में अंधेरा गायब हो जाता है और कैमरे के लेंस से खींची तस्वीर प्रकाश के साथ सामने छा जाती है। वह इसी को अपने अंदाज में बताते हुए कहते हैं कि डार्कनेस की स्वतंत्रता है। परसेप्शन (अवधारणा) एक तरह की कैद। इसलिए जब आपके पास होता है तो आप एक कल्पना को फालो कर सकते हैं। कुल मिलाकर अंधेरे में अनुभूति (डार्क परसेप्शन) की अपनी थीम को वह एक जूनून बताते हैं।
आंख में चोट लगने के बाद कुछ समय फोटोग्राफी से दूर रहे
2017 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहा था। रेहान की मां उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सक्रियता बढ़ाने की योजना बना रही थीं। तभी अचानक एक दिन रेहान की आंख में चोट लग गई। चोट गंभीर थी। इससे कुछ समय के लिए उनके फोटोग्राफी के शौक को विराम लग गया था। रेहान बताते हैं कि यह समय उन्हें थोड़ा परेशान कर रहा था, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने कैमरे को क्लिक करना शुरू किया। अब एक कमर्शियल फोटोग्राफर बनने की राह पर हैं। इसी इरादे से उन्होंने दो साल पहले अपना स्टूडियो को खोल लिया है। उन्हें पक्का भरोसा है कि आने वाले समय में वह फोटोग्राफी में अपना एक स्थान बना पाएंगे।
फुटबॉल खेलने के लिए 10-12 लोगों को जुटाना भी आसान नहीं
शायद देश के कुछ बच्चों को इसका दंश झेलना पड़ता है। रेहान से जब फुटबाल के मैदान में खेलने को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि फुटबॉल खेलना अच्छा लगता है, लेकिन वह ज्यादातर टीमों को फुटबाल खेलते हुए देखते हैं। वह अपने दोस्त ध्रुव श्रीवास्तव की तरह के फुटबॉलर नहीं है। हालांकि उनका भी शौक वही है। शौक पूरा करने के सवाल पर बड़ी मासूमियत से कहते हैं कि फुटबॉल खेलने के लिए सबसे मुश्किल काम 10-12 लोगों को इकट्ठा करना है। दरअसल, रेहान जैसे तमाम युवा जिनका बचपन सुरक्षा के घेरे में बीत गया, उनके लिए वास्तव में यह एक बड़ा काम है।
अब मानव और भीड़ के रंगों को कैमरे में कैद करने की तमन्ना है
लाइफ तब सबसे अच्छी रहती है, जब सबकुछ शांति पूर्ण तरीके से आगे बढ़ता जाता है। रेहान ने अपने कैमरे में ऐसे कई पलों को कैद किया है। अभी तक तो वह वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी से बहुत रोमांचित हुए, लेकिन बाद में उन्हें स्ट्रीट फोटोग्राफी ने काफी आकर्षित किया। अब मानव जीवन के तमाम रंगों की फोटोग्राफी करना चाहते हैं। उन्हें लोगों की भीड़ में मिलते 10-12 लोगों को तमाम रंगों की कुछ सुंदर तस्वीरें खींचनी हैं। बताते हैं आने वाले समय में वह इस ओर कैमरे का लेंस घुमाएंगे। रेहान को उम्मीद है कि अगले चार-पांच साल में कुछ अच्छी तस्वीरें खींच पाएंगे। फोटोग्राफी उनका जुनून है और रेहान की हर तस्वीर अपने भीतर तमाम बारीकियां समेटे हुए कई हजार शब्द बोलती है। यहीं उन्हें रोमांचित भी करता है।
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