प्रियंका गांधी बोलीं- सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे..पंक्तियों के प्रयोग पर रचयिता कवि ने जताई आपत्ति, किया ये ट्वीट
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी द्वारा चित्रकूट की रैली में 'उठो द्रोपदी शस्त्र संभालो' पंक्तियों के उपयोग पर इन कविता को लिखने वाले कवि ने आपत्ति जताई है। कवि पुष्यमित्र उपाध्याय ने कहा है कि उनकी यह कविता एक गंभीर सामाजिक विषय को उठाने को लेकर रची गई थी। इसका राजनीतिक उपयोग इसकी भावनाओं को सीमित करने वाला है। उन्होंने कहा कि यदि प्रियंका गांधी ने उनकी पंक्तियों का राजनीतिक उद्देश्य के लिए उपयोग न किया होता तो बेहतर होता।
पुष्यमित्र उपाध्याय ने अमर उजाला से कहा कि उन्होंने 2012 में 'निर्भया प्रकरण' से आहत होकर इन पंक्तियों की रचना की थी। इसके माध्यम से वे समाज के सभी वर्गों की महिलाओं का दर्द उभारना चाहते थे। यही कारण रहा कि समाज के हर वर्ग से उनकी इन पंक्तियों का जबरदस्त स्वागत किया गया। उनकी इन पंक्तियों के लिए उन्हें कई जगह सम्मानित भी किया गया। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने इसे प्रकाशित कर उन्हें सम्मानित किया था। लेकिन अब इसका बार-बार राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है और यह महिलाओं के कष्ट पर लिखी इस कविता का दुरुपयोग है।
इसके पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपने मंच से इन पंक्तियों का उपयोग किया था। उस समय भी पुष्यमित्र उपाध्याय ने इसके राजनीतिक उपयोग को लेकर विरोध प्रकट किया था।