श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर बंदियों में सामाजिक उत्तरदायित्व और वैचारिक स्तर को सुधारने के लिए सरकार द्वारा जेल में ही फोन की सुविधा शुरू की गई है। इसके लिए सोमवार को सूरतगढ़ में कंप्यूटराइज्ड फोन बूथ भी लगाया गया। सूरतगढ़ उप कारागार के जेलर नरेश कुमार ने कहा कि जेलों को सुधार गृह में तब्दील करने की अवधारणा के अनुरूप सरकार ने बंदियों को समाज से जोड़े रखने के उद्देश्य से यह व्यवस्था की है. इसके तहत कैदी प्रतिदिन अधिकतम 5 मिनट तक केवल चार नंबर पर ही बात कर सकेगा। कैदी को जेल प्रशासन को कोई चार फोन नंबर देने होंगे, जिस पर वह बात करना चाहता है।
बंदी की ओर से जेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए मोबाइल नंबर को सत्यापन के लिए एसपी कार्यालय भेजा जाएगा. जहां से सत्यापन के बाद बंदी के चारों नंबर व फिंगर प्रिंट कंप्यूटर में फीड कर दिए जाएंगे। इस दौरान कैदी खुद नंबर डायल नहीं कर पाएगा, जैसे ही फिंगर प्रिंट लगाया जाएगा, फोन की स्क्रीन ऑन हो जाएगी और दिए गए चार नंबर स्क्रीन पर दिखने लगेंगे। पांच मिनट बाद फोन अपने आप डिस्कनेक्ट हो जाएगा। उन्होंने बताया कि फोन में सिर्फ इनकमिंग कॉल की सुविधा मिलेगी और बंदियों द्वारा फोन पर की गई बातचीत की रिकार्डिंग के साथ जेल प्रहरी भी पास में मौजूद रहेगा. इस दौरान उप कारागार के उप प्रधान आरक्षक नरेश कुमार व प्रधान आरक्षक रामावतार, आरक्षक शंकर लाल सहित अन्य जेल कर्मी मौजूद रहे।