प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस साल के मन की बात के आखिरी एपिसोड को संबोधित किया

Update: 2022-12-25 12:24 GMT
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस साल के मन की बात के आखिरी एपिसोड को संबोधित कियाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस साल के मन की बात के आखिरी एपिसोड को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की. पीएम ने कहा कि 2022 वाकई कई मायनों में बहुत ही प्रेरक रहा, अद्भुत रहा. इस साल भारत ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किये और इसी वर्ष अमृतकाल का प्रारंभ हुआ. इस साल देश ने नई रफ़्तार पकड़ी, सभी देशवासियों ने एक से बढ़कर एक काम किया.

'मां गंगा को स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी'

पीएम ने कहा कि हमारी परंपरा और संस्कृति का मां गंगा से अटूट नाता है. ये और भी खुशी की बात है कि पूरे विश्व के 160 ऐसे इनीशिएटिव में 'नमामि गंगे' को यह सम्मान मिला है. हम सभी के लिए यह गौरव की बात है कि भारत की इस पहल को आज दुनियाभर की सराहना मिल रही है. United Nations ने 'नमामि गंगे' मिशन को Ecosystem को Restore करने वाले दुनिया के टॉप-10 इनीशिएटिव में शामिल किया है. ऐसे में सदियों से कल-कल बहती मां गंगा को स्वच्छ रखना हम सबकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. इसी उद्देश्य के साथ 8 साल पहले 'नमामि गंगे अभियान' की शुरुआत की थी.

पीएम ने जलज आजीविका मॉडल के फायदे गिनाए

प्रधानमंत्री ने 'जलज आजीविका मॉडल' की चर्चा की, उन्होंने कहा कि यह मॉडल बायोडायवर्सिटी को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. टूरिज्म बेस्ड बोट सफारी को 26 स्थानों पर लॉन्च किया गया है. हिल्सा मछली, गंगा डॉल्फिन और कछुओं की विभिन्न प्रजातियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. गंगा का ईकोसिस्टम क्लीन होने सेआजीविका के अन्य अवसर भी बढ़ रहे हैं.

पीएम ने स्वच्छ भारत मिशन पर चर्चा की

मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'स्वच्छ भारत मिशन' आज हर भारतीय के मन में रच-बस चुका है. साल 2014 में इस जन आंदोलन के शुरू होने के साथ ही इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए लोगों ने कई अनूठे प्रयास किए हैं और ये प्रयास सिर्फ समाज के भीतर ही नहीं बल्कि सरकार के भीतर भी हो रहे हैं.

मन की बात में बैम्बू घास का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि देश के अनेक क्षेत्र में बांस से अनेक सुन्दर और उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं. विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में बांस के कुशल कारीगर, कुशल कलाकार हैं. यही नहीं ये लोग बैम्बू घास से खूबसूरत कपड़े और सजावट की चीजें भी बनाते हैं. इससे आदिवासी महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है, और उनके हुनर को पहचान भी मिल रही है. जब से देश ने बैम्बू से जुड़े अंग्रेजों के जमाने के कानूनों को बदला है, इसका एक बड़ा बाज़ार तैयार हो गया है. महाराष्ट्र के पालघर जैसे क्षेत्रों में भी आदिवासी समाज के लोग बैम्बू से कई खूबसूरत प्रोडक्ट बनाते हैं. बैम्बू से बनने वाले बॉक्स कुर्सी, चायदानी, टोकरियां और ट्रे जैसी चीजें खूब लोकप्रिय हो रही हैं.

'2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का प्रयास'

हमने भारत से Smallpox, Polio और 'Guinea Worm' जैसी बीमारियों को समाप्त करके दिखाया है. सबके प्रयास से, 'कालाजार' नाम की ये बीमारी अब तेजी से समाप्त होती जा रही है. हमारा देश जब कालाजार से भी मुक्त हो जाएगा, तो ये हम सभी के लिए कितनी खुशी की बात होगी. सबका प्रयास की इसी भावना से हम भारत को 2025 तक टी.बी. मुक्त करने के लिए भी काम कर रहे हैं. आपने देखा होगा कि बीते दिनों जब, टी.बी. मुक्त भारत अभियान शुरू हुआ, तो हजारों लोग टी.बी. मरीजों की मदद के लिए आगे आए.

'2022 कई उपलब्धियों का साल रहा'

पीएम मोदी ने कहा कि इस साल भारत को G-20 समूह की अध्यक्षता की जिम्मेदारी भी मिली है. मैंने पिछली बार इस पर विस्तार से चर्चा भी की थी. साल 2023 में हमें G-20 के उत्साह को नई ऊंचाई पर लेकर जाना है, इस आयोजन को एक जन-आंदोलन बनाना है. पीएम ने कहा कि 2022 में देशवासियों ने एक और अमर इतिहास लिखा है. अगस्त के महीने में चला 'हर घर तिरंगा' अभियान भला कौन भूल सकता है. वो पल थे जब हर देशवासी के रौंगटे खड़े हो जाते थे. आजादी के 75 वर्ष के इस अभियान में पूरा देश तिरंगामय हो गया था.

मन की बात में PM मोदी ने कहा कि 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने तो तिरंगे के साथ Selfie भी भेजीं. आजादी का ये अमृत महोत्सव अभी अगले साल भी ऐसे ही चलेगा, अमृतकाल की नींव को और मजबूत करेगा. ये 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना का विस्तार है. देश के लोगों ने एकता और एकजुटता को सेलिब्रेट करने के लिए भी कई अद्भुत आयोजन किए. गुजरात के माधवपुर मेला हो, जहां रुक्मिणी विवाह, और, भगवान कृष्ण के पूर्वोतर से संबंधों को सेलिब्रेट किया जाता है या फिर काशी-तमिल संगमम् हो, इन पर्वों में भी एकता के कई रंग दिखे.

मन की बात में पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी को भी याद किया. उन्होंने कहा कि हम सभी के श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपयी जी का जन्मदिन भी है. वे एक महान राजनेता थे, जिन्होनें देश को असाधारण नेतृत्व दिया. हर भारतवासी के ह्रदय में उनके लिए एक खास स्थान है. पीएम ने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे कोलकाता से आस्था जी का एक पत्र मिला है. इस पत्र में उन्होंने हाल की अपनी दिल्ली यात्रा का जिक्र किया है. वे लिखती हैं कि इस दौरान उन्होंने पीएम म्यूजियम देखने के लिए समय निकाला. इस म्यूजियम में उन्हें अटल जी की गैलरी खूब पसंद आई.

इस दौरान पीएम मोदी ने क्रिसमस की बधाई देते हुए कहा कि आज दुनियाभर में धूमधाम से क्रिसमस का त्योहार मनाया जा रहा है. ये भगवान यीशू के जीवन, उनकी शिक्षाओं को याद करने का दिन है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि एविडेंस बेस्ड मेडिसिन के युग में, अब योग और आयुर्वेद, आधुनिक युग की जाँच और कसौटियों पर भी खरे उतर रहे हैं. आज के युग में, भारतीय चिकित्सा पद्दतियां, जितनी ज्यादा एविडेंस बेस्ड मेडिसिन होंगी, उतनी ही पूरे विश्व में उनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी. इसी सोच के साथ, दिल्ली के AIIMS में भी एक प्रयास किया जा रहा है. यहाँ, हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्दतियों को validate करने लिए छह साल पहले सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च की स्थापना की गई है.

पीएम ने कहा कि Tata Memorial Centre द्वारा की गई एक Intensive Research में सामने आया है कि ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए योग बहुत ज्यादा असरकारी है. पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह कोरोना वैश्विक महामारी के इस समय में योग और आयुर्वेद की शक्ति को हम सभी देख रहे हैं, उसमें इनसे जुड़ी एविडेंस बेस्ड मेडिसिनबहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी. उन्होंने कहा कि मेरा आग्रह है कि योग, आयुर्वेद और हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े हुए ऐसे प्रयासों के बारे में अगर आपके पास कोई जानकारी हो तो उन्हें सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करें.

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