कारगिल विजय दिवस की 22वीं सालगिरह के मौके पर सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद खराब मौसम के चलते द्रास नहीं जाएंगे

कारगिल विजय दिवस की 22वीं सालगिरह के मौके पर सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्रास नहीं जाएंगे.

Update: 2021-07-26 04:38 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) की 22वीं सालगिरह के मौके पर सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्रास नहीं जाएंगे. भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद खराब मौसम के कारण द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि नहीं देंगे. साथ ही कहा कि राष्ट्रपति द्रास की बजाए बारामुला युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.

इससे पहले आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के साथ द्रास का दौरा करने वाले थे, जहां वो कारगिल विजय दिवस समारोह में भाग लेने वाले थे. इससे पहले साल 2019 में खराब मौसम के चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कारगिल विजय दिवस समारोह में हिस्सा नहीं ले पाए थे और उन्होंने श्रीनगर के बदामीबाग में सेना की 15वीं कोर के मुख्यालय में युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करके ही वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी.
कारगिल विजय दिवस की 22वीं सालगिरह के अवसर पर दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर और लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की.
जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में साल 1999 में मई से जुलाई के बीच हुई थी लड़ाई
कारगिल विजय दिवस का आयोजन हर साल 26 जुलाई को किया जाता है. ये वही दिन है, जब भारतीय सेना ने कारगिल में अपनी सभी चौकियों को वापस पा लिया था, जिनपर पाकिस्तान की सेना ने कब्जा किया था. ये लड़ाई जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में साल 1999 में मई से जुलाई के बीच हुई थी. पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जानकारी दिए बिना तत्कालीन पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने कारगिल में घुसपैठ करवाई थी.





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