राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा- 'राम के आदर्शों को आत्मसात करें, होगा मानवता का कल्याण'

मर्यादा पुरूषोत्तम राम के बगैर अयोध्या की कल्पना को निराधार बताते हुए.

Update: 2021-08-29 14:26 GMT

मर्यादा पुरूषोत्तम राम के बगैर अयोध्या की कल्पना को निराधार बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि रामायण एक विलक्षण ग्रन्थ है जिसको आत्मसात करके न सिर्फ मानवता का कल्याण हो सकता है बल्कि देश के विकास में मदद मिल सकती है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को रामकथा पार्क में रामायण कान्क्लेव का शुभारंभ और अयोध्या में करोड़ों रुपए की पर्यटन विकास योजनाओं का लोकार्पण करने के बाद एक सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिना राम के अयोध्या की कल्पना नहीं की जा सकती। सबमें राम व सबके राम हैं। रामायण के एक दोहे "सियाराम मय सब जग जानी, करहुं प्रनाम जोरि जुग पानी।" का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा संसार के कण-कण में भगवान राम का वास है। यह मर्म समझ लेने के बाद संसार में कलह और हिंसा का कोई स्थान नहीं होगा। रामायण ही ऐसा ग्रंथ है जिसमें ऐसे गुण मिलते हैं जिसका मानव जीवन में अमूल्य योगदान है।


धार्मिक नगरी के पुण्य सरयू सलिला के पावन तट पर उन्होंने कहा कि अयोध्या मयार्दा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि व लीलाभूमि है जो भविष्य में मानव सेवा का उत्कृष्ट केन्द्र बनेगी। साथ ही साथ शिक्षा शोध का प्रमुख वैश्विक केन्द्र भी रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रभु राम सभी को साथ लेकर चलें। शबरी के जूठे बेर खाकर और निषाद राज को गले लगाकर भगवान श्रीराम ने ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाया। समाज में समरसता स्थापित किया और लोगों को मर्यादित रहना सिखाया। भगवान राम जैसा कोई नहीं।राष्ट्रपति ने रामायण सर्किट से जुड़े प्रकल्पों का उद्घाटन किया। रामायण सर्किट के माध्यम से लोग राम और रामायण के बारे में जानेंगे। रामायण का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो, लोग भलीभांति जानें। उन्होंने कहा कि जिसने रामायण को जान लिया वह भगवान राम को भी जान लेगा। रामायण एक विलक्षण ग्रन्थ है। इसमें भगवान राम निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामकथा को जन-जन से जोडने का काम किया। विश्व के अनेक देशों में रामायण की प्रस्तुति रामलीला के माध्यम से की जाती है।
उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया, थाईलैंड, मारीशस, कोरिया आदि मुस्लिम देशों में रामलीलाओं का मंचन हो रहा है। भारत ही नहीं विश्व के अनेक देशों में भगवान राम के प्रति प्रेम व सम्मान झलकता है। अयोध्या और रामायण अनेक देशों के साथ हमारे सांस्कृतिक सम्बन्ध स्थापित करता है। राम ने जो आदर्श व चरित्र प्रस्तुत किए हैं यदि उसका थोड़ा सा अंश भी मानव अपने जीवन में उतार ले तो मानवता को एक दिशा दे सकता है। उन्होंने रामायण में लिखी एक चौपाई को पढक़र बताया कि अगर अपने जीवन में अमल किया जाय तो देश बहुत तेजी से विकास करेगा। उन्होंने रामायण का साहित्यक महत्व बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में बहुत कुछ ऐसा है जिससे सीख ली जा सकती है। सछ्वाव और पारिवारिक एकता से निश्चित तौर पर तनाव कम होता है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज अयोध्या राममय हो गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अयोध्या के आने पर बड़ी प्रसन्नता हो रही है। इससे पहले पद्मश्री से सम्मानित मालिनी अवस्थी ने रामचरित मानस की शबरी के जीवन के आदशोर्ं को गायन के माध्यम से प्रस्तुत किया। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भव्य स्वागत किया।


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