Pratapgarh. प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ जिले में जहां गत एक सप्ताह से बारिश का दौर थमा हुआ था। वहीं अब गुरुवार रात को बारिश हुई। जो करीब एक घंटे तक चली। यह बारिश शहर समेत कई इलाकों में हुई। वहीं इस बारिश से अब फसलों में नुकसान की आशंका है। जिससे किसानों में चिंता होने लगी है। खरीफ की फसल पकने के कगार है। शहर में गुरुवार रात को एक घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश के बाद सडक़ों पर पानी बह निकला। जिले में औसत की 102 प्रतिशत बरसात हो चुकी है। वहीं सभी बांध भी लबालब हो चुके हैं। शहर में गुरुवार रात को एक घंटे तक मूसलाधार बरसात हुई। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला मुयालय पर इस दौरान 19 एमएम बरसात दर्ज की गई। वहीं दलोट और सुहागपुर में 15-15 मिलीलीटर तथा अरनोद में 13 मिलीमीटर बरसात हुई। जिले में अभी तक प्रतापगढ़ में सर्वाधिक 1316 एमएम और सबसे कम दलोट में 674 एमएम बरसात हुई। लगातार हो रही बरसात से प्रदेश का सबसे ऊंचा 31 मीटर भराव क्षमता वाला जाखम बांध ओवरलो चल रहा है।
जिले के बजरंगगढ़, बरडिया, हमचाखेड़ी, गादोला, बोरिया, भंवर सेमला आदि बांध भी लबालब हो चुके हैं। जिले में औसत की एक हजार एमएम बरसात दर्ज की जा चुकी है। जो औसत की 102 प्रतिशत है। बरडिया इलाके में गुरुवार रात को तेज बारिश हुई। इस बारिश से सडक़ों पर पानी बह निकला। वहीं दूसरे दिन शुक्रवार तक भी खेतों से पानी बहा। जिससे किसानों में चिंता है। पिछले दिनों से बारिश का दौर थम गया था। वहीं अब बारिश होने से फसलों में नुकसान की आशंका है। गत दिनों से मौसम खुल गया था। लेकिन एक सप्ताह बाद एक बार जोरदार बारिश से फसलों को बहुत नुकसान हो रहा है। खरीफ की फसल कटाई के कगार पर है। बारिश सर पर है, इससे बहुत नुकसान किसानों को झेलना पड़ रहा है खेरोट क्षेत्र में दो दिन से हो रही लगातार हो रही बरसात से पकी सोयाबीन की फसल खराब हो गई है। कुछ दिन मौसम खुलने पर किसानों ने राहत की सांस ली थी। वहीं एक बार फिर बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बारिश के कारण जहां खेतों में पानी भर गया है। वहीं कई खेतों में सोयाबीन की फसल पक चुकी है। ऐसे में अब फसल कटाई भी शुरू होने वाली है। कई किसानों ने लहसुन की बुवाई भी कर दी है। लेकिन बरसात से वह खराब हो गई।