नई दिल्ली: कांग्रेस की ओर से घोषित किए गए राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर पार्टी में लगातार कलह जारी है। प्रवक्ता पवन खेड़ा और नगमा के बाद अब पार्टी के नेता प्रमोद कृष्णम ने भी अब टिकट बंटवारे पर नाराजगी जाहिर की है। प्रमोद कृष्णण ने कहा, 'कुछ लोगों की शिकायतें हैं। राज्यसभा लोकतंत्र का मंदिर है। इसलिए वहां बुद्धिजीवी और अनुभवी लोगों को भेजा जाना चाहिए, जो देश के लिए काम करें और पार्टी को मजबूती दें। लेकिन जो फैसले लिए गए हैं, वे निराश करने वाले हैं।' प्रमोद कृष्णम ने कहा कि पंजाब के सांसद मनीष तिवारी एवं कुछ अन्य नेताओं ने भी इस लिस्ट पर चिंता जाहिर की है।
प्रमोद कृष्णम ने गुलाम नबी आजाद जैसे सीनियर नेताओं की उपेक्षा का भी पार्टी पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'अब तो फैसले लिए जा चुके हैं। लेकिन गुलाम नबी आजाद, तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद और राशिद अल्वी जैसे लोग स्थापित और चर्चित नेता रहे हैं। इन लोगों का सम्मान किया जाना चाहिए था।' कांग्रेस की राज्यसभा टिकटों की लिस्ट पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा भी सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने बाहरी नेताओं को उतारे जाने पर कहा था कि इस सूची में ऐसा कौन नेता है, जो राजस्थान का है या फिर उसने राज्य के लिए कोई योगदान दिया हो।
दरअसल कांग्रेस की सूची में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान न रखने के आरोप लगाए जा रहे हैं। एक तरफ पार्टी ने इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से टिकट दे दिया है तो वहीं प्रमोद तिवारी और रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं को राजस्थान से हरियाणा भेजने की तैयारी है। इसके अलावा अजय माकन को हरियाणा से भेजने की तैयारी है। यही नहीं 10 नेताओं में से 5 नेता ब्राह्मण समुदाय से आते हैं, इसे लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है। लिस्ट में एक भी नेता ओबीसी समुदाय से न होने को लेकर सवाल उठाया जा रहा है।