भुंतर। अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ चुके पंचायत कर्मचारी अभी भी मैदान में डटे हुए हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण पंचायतों में काम पूरी तरह से प्रभावित हो गया है और लोगों को भी दिक्कतें आने लगी हैं। वहीं, कर्मचारियों ने मांगे पूरी न होने तक मैदान से नहीं हटने का ऐलान किया है। भुंतर में खंड विकास कार्यालय के बाहर सभी कर्मी हड़ताल पर बैठे हैं। दूसरी ओर पंचायत कर्मचारियों के पक्ष में पंचायत प्रधान भी आने लगे हैं। पंचायत प्रधानों ने कर्मियों की मांगों को जायज ठहराते हुए सरकार से आग्रह किया है कि पर जल्द उनकी मांग को पूरी किया जाए, ताकि कर्मचारी अपने काम पर लौट कर पंचायतों का काम देख सकें। कई पंचायत प्रधान भी इस आंदोलन में उनका साथ देने के लिए हड़ताल पर बैठ रहे हैं। कर्मचारियों की हड़ताल को अब एक सप्ताह से भी अधिक का समय बीत गया है और पंचायतों में जो लोग अपने कार्य के लिए पहुंच रहे हैं, उन्हे यहां पर कोई भी कर्मी नहीं मिल रहा है और वापस खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। जिला परिषद कैडर कर्मचारी महासंघ के अनुसार प्रदेश में जिला परिषद कैडर के तहत 4700 कर्मचारी और अधिकारी काम कर रहे हैं।
22 सालों से वह लगातार काम कर रहे हैं और इतने लंबे अंतराल के बाद भी उन्हें पंचायती राज विभाग में विलय नहीं किया गया है। इसके अलावा लंबे समय के बाद भी नियमित होने पर अन्य विभागों की तरह उन्हें न तो स्थाई कर्मचारियों की तर्ज पर सुविधाएं मिल रही है और न ही आर्थिक लाभ मिल पा रहा है। बीते साल में प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने जिला परिषद कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ देने से भी इस कारण से मना किया था कि जिला परिषद कैडर में कर्मचारी और अधिकारी सरकारी कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उनका ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में विलय किया जाए, ताकि वह अपना कार्य अच्छे तरीके से करें। उन्होंने कहा कि सरकार इस विषय को लेकर के गंभीर नहीं है। इसको लेकर रोट पंचायत के प्रधान राजेंद्र पाल शर्मा, बड़ा भूईन के प्रधान विनोद कायस्था, जिया पंचायत के प्रधान संजीव शर्मा आदि का कहना है कि सरकार को जल्द मामले को सुलझाना चाहिए ताकि पंचायतों में रूका कार्य फिर से आरंभ हो सके।
आनी। विकास खंड आनी के अंतर्गत कार्यरत जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर कार्यालय के वाहर हड़ताल पर बैठकर लामबंद हैं। शुक्रवार को जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारी महासंघ इकाई आनी की हड़ताल सातवें दिन भी जारी रही। संघ के प्रधान प्रेम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में हजारों युवा पिछले करीब 22 सालों से जिला परिषद कैडर अधिकारी एवं कर्मचारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मगर इसके बाबजूद सरकार ने उन्हें अभी तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया है, जिससे वे सरकार की तरफ से मिलने बाली सभी सुविधाओं और वितीय लाभ से वंचित हैं। प्रेम ठाकुर ने कहा कि जिला परिषद-अधिकारी कर्मचारी 16 विभागों और 29 विषयों पर कार्य कर रहे हैं और पूर्व में कोरोना काल के समय में भी उन्होंने परिवार से दूर रहकर जनता की सेवा की है। जबकि वर्तमान में कार्य के बोझ तले दबकर वे शरीरिक व मानसिक तौर पर प्रताडि़त हो रहे हैं। इसके बाबजूद सरकार उन्हें सरकारी कर्मचारी न मानकर उनसे सौतेला व्यवहार कर रही है। संघ के अध्यक्ष प्रेम ठाकुर ने कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी। उनका अनशन जारी रहेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग उठाई है कि जिला परिषद कैडर के अधिकारी एवं कर्मचारियों का सरकार ग्रामीण विकास विभाग अथवा पंचायती राज विभाग में विलय करे, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। इस मौके पर अनशन में संघ के उपाध्यक्ष अशोक वर्मा, सचिव विशु भारती, संयुक्त सचिव बिट्टू, मीडिया प्रभारी सौभाग्य कुमारी, सलाहकार पूर्ण चंद, भोपाल चंद, रिम्पी देवी, शिवराम, प्रताप सिंह, लाल सिंह, राजकुमार, हरि कृष्ण, सत् पाल, कृष्ण चंद, प्रताप ठाकुर, जीवानंद, महेंद्र सिंह, संतोष कुमार तथा घनश्याम आदि मौजूद थे।