बिजली संकट के चलते कई राज्यों में पॉवर कट की समस्या, लोग परेशान

Update: 2022-04-30 00:58 GMT

दिल्ली समेत देश के कई राज्यों के लोग इन दिनों बिजली कटौती के संकट से जूझ रहे हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश शामिल हैं. इन राज्यों में तापमान 40 डिग्री के ऊपर है, ऐसे में कई जगह बिजली सात से आठ घंटे ही मिल पा रही है. बताया जा रहा है कि रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कोयले के आयात पर असर पड़ा है. पूरे भारत में बिजली की मांग शुक्रवार 14:50 बजे 20,7111 मेगावाट तक पहुंच गई है. जो अब तक का सबसे उच्च स्तर है.

पॉवर प्लांट्स के पास कोयले के भंडार में गिरावट की खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि देश के प्लांट्स में करीब 22 मिलियन टन कोयला है जो 10 दिनों के लिए पर्याप्त है और इसकी भरपाई लगातार की जाएगी.

ऐसे में झारखंड, हरियाणा, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र उन राज्यों में शामिल हैं जहां लगातार बिजली गुल हो रही है. जरुरी सेवाओं में बिजली कटौती की संभावना को लेकर दिल्ली ने केंद्र को पत्र भी लिखा है. राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी स्थिति से निपटने के लिए कदम उठा रहे हैं. 

दिल्ली सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले पॉवर प्लांट्स में कोयले की संभावित कमी पर चिंता व्यक्त की. केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पर्याप्त कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी इस सिलसिले में गुरुवार को दिल्ली सचिवालय में आपात बैठक की थी.

नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) के दादरी-द्वितीय और झज्जर (अरावली), दोनों पॉवर प्लांट्स मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए थे. हालांकि इन बिजली संयंत्रों में भी कोयले का बहुत कम स्टॉक बचा है. सत्येंद्र जैन ने आश्वासन दिया कि दिल्ली सरकार स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को बिजली की कमी का सामना न करना पड़े.

पॉवर प्लांट्स में कोयले के भंडार में कमी की खबरों के बीच, हरियाणा में भी बिजली संकट देखने को मिल रहा है. हरियाणा जरूरत को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों और अन्य स्रोतों से अतिरिक्त बिजली लेगा. राज्य के बिजली मंत्री सीएच रंजीत सिंह ने यह जानकारी दी.

मंत्री ने कहा कि हम एक सप्ताह के अंदर स्थिति से निपट लेंगे और अडानी से 1200-1400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ली जाएगी. बिजली की खपत में वृद्धि हुई है. इसके अलावा, छत्तीसगढ़ से 350 मेगावाट और मध्य प्रदेश से 150 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ली जाएगी.

यूपी की बात करें तो बिजली संकट के बीच प्रदेश के थर्मल पावर स्टेशनों के पास जरूरत के अनुपात में एक चौथाई कोयले का ही स्टॉक बचा है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो अप्रैल के पहले पखवाड़े में भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है. अप्रैल के महीने में बिजली की मांग 38 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. वहीं, प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाले यूपी स्टेट विद्युत उत्पादन निगम के पास मानकों के मुताबिक जितने कोयले का स्टॉक रहना चाहिए, उसका तकरीबन 26 फीसदी ही बचा है.

अन्य राज्यों की तरह बिहार भी इस भीषण गर्मी के दौरान बिजली की कमी से जूझ रहा है. राज्य के बिजली मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने गुरुवार को कहा कि एक-दो दिन में करीब एक हजार मेगावाट बिजली की कमी को दूर कर लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि बिजली आपूर्ति में कमी के संबंध में केंद्र सरकार के साथ बातचीत हो रही है. 

राज्य को बिजली की आपूर्ति करने वाले पॉवर प्लांट्स में बिजली उत्पादन में कमी के कारण झारखंड को भी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. रांची के एक दुकानदार ने कहा कि 3-4 घंटे बिजली गुल रहती है और इससे कारोबार प्रभावित हो रहा है. कई अन्य दुकानदारों ने भी बिजली गुल होने की शिकायत की है.

बिजली उत्पादन में गिरावट के कारण पंजाब के लोगों को भी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार ने स्थिति को संभालने के लिए जरुरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है. राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की थी ताकि आगामी धान सीजन के दौरान पंजाब को निर्बाध और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.

उत्तराखंड में भी बिजली की किल्लत बढ़ गई है. प्रदेश में 15 मिलियन यूनिट के मुकाबले बमुश्किल पांच मिलियन यूनिट बिजली ही उपलब्ध हो पा रही है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कटौती जारी है. बिजली संकट को लेकर कांग्रेस सड़क पर उतर आई है और भीषण गर्मी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धरना भी दिया. इस मामले पर सियासत तेज हुई तो सरकार एक्शन में आई. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के बैठक कर समस्या के जल्द समाधान के निर्देश दिए हैं. बिजली संकट को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे ने अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक की. जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र को 25 हजार मेगावॉट बिजली की जरूरत है जिसके मुकाबले प्रदेश को 21 से 22 हजार मेगावॉट बिजली ही मिल पा रही है. राज्य सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी एक्ट और MERC एक्ट के तहत अडानी पावर (APML) और JSW पावर को नोटिस भेजा है. बिजली कटौती शुरू हो गई है जिसके खिलाफ नागपुर में लोगों ने लालटेन लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने लोगों से सतर्कता के साथ बिजली का उपयोग करने की अपील की है.

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