22 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय गणित दिवस
22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है. दरअसल, यह दिन, भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की विरासत का सम्मान करने के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय गणित दिवस 2021 मनाया जा रहा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है. दरअसल, यह दिन, भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की विरासत का सम्मान करने के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय गणित दिवस 2021 मनाया जा रहा है. रामानुजन का जीवन, सीखने और प्रेरणा का स्रोत रहा है. विश्व के सबसे ब्रेनी लोगों में उन्होंने अपनी जगह बनाई और गणित के क्षेत्र में भारत का नाम आगे किया.Also Read - Delhi Schools Reopen: दिल्ली में आज से फिर खुले स्कूल, इन नियमों का पालन करना अनिवार्य
श्रीनिवास रामानुजन का जन्म साल 1887 में हुआ था. उस वक्त भारत, ब्रिटिश राज में था. 13 साल की उम्र में रामानुजन ने ट्रिग्नोमेट्री की मास्टरी हासिल कर ली थी. इसलिये उन्हें 'man who knew infinity' (जिसे अनंत के बारे में पता हो ) कहा जाता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मैथ्स में महारथ हासिल करने वाले रामानुजन गणित को छोडकर स्कूल की सभी परीक्षाओं में फेल हो गए थे. जानिये ऐसी ही कुछ दिलचस्प बातें और यह भी जानिये कि ये दिन उनके सम्मान में क्यों मनाया जाता है. Also Read - Maharashtra Board 10th, 12th Exam Dates: दसवीं और बारहवीं परीक्षा की तारीख घोषित, देखें परीक्षा का टाइम टेबल
क्यों मनाया जाता है:
साल 2012 में मुख्यमंत्री मनमोहन सिंह ने पूरे साल को रामानुजन के 125वीं जयंती के उपलक्ष में राष्ट्रीय मैथेमेटिक्स साल(National Mathematics Year) के रूप में मनाने का फैसला किया. रामानुजन के काम को सम्मान देने के लिये मनमोहन सिंह सिंह ने यह फैसला लिया था. रामानुजन ने बताया कि गणित किस तरह हमारे जीवन को आसान बनाता है. Also Read - Career Tips: 12वीं के बाद क्या करें? क्या आपका भी है यही प्रश्न, तो इन क्षेत्रों में बनाएं करियर, मिलेगी बंपर सैलरी
National Mathematics Day: कुछ जरूरी बातें आपको जाननी चाहिए
1. स्कूल में रामानुजन को 11 साल की उम्र में ही गणित विषय में विलक्षण प्रतीभा वाले बच्चे के रूप में पहचान मिल गई थी. 11 साल की उम्र में रामानुजन कॉलेज स्तर के प्रश्न हल कर लेते थे.
2. रामानुजन को आर्ट कॉलेज कुम्बाकोनम से स्कॉलरशिप मिली लेकिन वह उसे प्राप्त नहीं कर सके, क्योंकि पास होने के लिये न्यूनतम अंक वो हासिल नहीं कर पाए.
3. ट्रिग्नीटी कॉलेज, क्रैम्ब्रिज में फेलोशिप पाने वाले पहले भारतीय के रूप में उन्हें जाना जाता है.
4. रामानुजन ने अपने ज्ञान का श्रेय परिवार की देवी, नामगिरि थायर को दिया. कहा जाता है कि रामानुजन अक्सर ये कहते थे कि मेरे लिये उस समीकरण का कोई मतलब नहीं बनता, जो ईश्वर के विचार को व्यक्त नहीं करता.
5. रामानुजन ने नंबर 1729 को मैजिक नंबर कहा. यह दो अलग-अलग संख्याओं के घनों के योग के रूप में व्यक्त की जाने वाली सबसे छोटी संख्या है.
6. इसके अलावा मैथेमेटिकल अनालिसिस, नंबर थ्योरी, इंफिनिट सीरीज और कंटीन्यूड फ्रैक्शन भी रामानुजन की ही देन हैं.